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भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर धनबाद में दो साल बाद दिखेगा पुरी सा नजारा, अभी से चल रही उत्‍सव की तैयारी

दो साल तक कोरोना काल में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकाली गई। तीसरे साल रथयात्रा निकाली जानी है। जाहिर है श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह है। एक महीने पहले से भक्तों की टोली जगन्नाथ रथयात्रा की तैयारी में लगी हुई है।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Sat, 18 Jun 2022 06:36 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jun 2022 06:36 PM (IST)
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर धनबाद में दो साल बाद दिखेगा पुरी सा नजारा, अभी से चल रही उत्‍सव की तैयारी
30 जून को भगवान भक्तों को दर्शन देंगे।

धनबाद [राकेश कुमार महतो]: दो साल तक कोरोना काल में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकाली गई। तीसरे साल रथयात्रा निकाली जानी है। जाहिर है, श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह है। एक महीने पहले से भक्तों की टोली जगन्नाथ रथयात्रा की तैयारी में लगी हुई है।

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जोड़ाफाटक में जगन्नाथ मंदिर है। 42 साल पहले स्थापना की गई थी। 27 साल पहले नए स्थान पर मंदिर का नए सिरे से निर्माण किया गया। इस साल जोड़ाफाटक मंदिर समिति ने तय किया कि पूरे इलाके को पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तरह सजाया जाएगा। ऐसी विद्युत सज्जा की जाएगी कि लोग पलक झपकाए बगैर देखते रहे। जोड़ाफाटक जगन्नाथ मंदिर के पुजारी देवाशीष पांडा कहते हैं, एक जुलाई को रथयात्रा निकाली जाएगी। इससे पहले 14 दिन तक भगवान जगन्नाथ, उनकी बहन सुभद्रा एवं भाई बलराम एकांतवास में रहेंगे।

जोड़ाफाटक जगन्नाथ मंदिर के पुजारी देवाशीष पांडा ने बताया कि 14 जुलाई को स्नान पूर्णिमा पर पूरे विधि विधान से भगवान जगन्नाथ को 108 घट के शीतल जल से स्नान कराया जाएगा। स्नान पूर्णिमा के बाद भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलराम बीमार हो गए हैं। उन्हें मंदिर कक्ष में 14 दिन तक एकांतवास में रखा जाएगा। भगवान के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जड़ी-बूटी का पानी, काढ़ा, रात में हल्दी मिला गरम दूध का भोग लगाया जाएगा। इस अवधि में लोगों को भगवान के दर्शन के लिए इंतजार करना होगा। भगवान स्वस्थ हो जाएंगे तो 29 जून को नेत्र उत्सव मनाया जाएगा। 30 जून को भगवान भक्तों को दर्शन देंगे। अगले दिन एक जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जाएगी। रथयात्रा पूरे शहर में घूमेगी।

42 साल पहले रथयात्रा की हुई थी शुरुआत

42 साल पहले जोड़ाफाटक जगन्नाथ मंदिर से रथयात्रा की शुरुआत हुई थी। पूर्व में हावड़ा मोटर्स के सामने छोटे मंदिर में भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती थी। वहां से रथयात्रा निकालने में असुविधा होती थी। इसके बाद जोड़ाफाटक घनसार रोड में जगन्नाथ मंदिर का नए सिरे से निर्माण किया गया। इस बार पुरी के जगन्नाथ मंदिर के कुछ पंडा भी रथयात्रा में शामिल होंगे। जगन्नाथ मंदिर समिति के सचिव महेश्वर रावत ने बताया कि इस बार मंदिर स्थापना की 27वीं वर्षगांठ है। इसलिए मंदिर को और आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है। साज-सज्जा की तैयारी अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि दो साल बाद निकल रही रथयात्रा में पहले की तुलना में कई गुना अधिक भक्त शामिल होंगे।


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