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नौ साल बाद साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार न्यायालय से दोषमुक्त, कहा- करेंगे मानहानि का मुकदमा

देश के कई राज्यों के न्यायालय के जज पुलिस अधिकारी आइआइटी आइआइएम धनबाद में साइबर क्राइम अनुसंधान पर ट्रेनिंग देने वाले साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार पर नौ वर्ष पहले थाना प्रभारी मधुसूदन डे ने 20 हजार लेकर लैपटॉप नहीं देने का आरोप लगाया था।

By JagranEdited By: Deepak Kumar PandeyPublished: Tue, 27 Sep 2022 09:31 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 09:31 PM (IST)
नौ साल बाद साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार न्यायालय से दोषमुक्त, कहा- करेंगे मानहानि का मुकदमा
प्रशिक्षण शिविर की तस्‍वीर और दीपक कुमार (दाएं)।

जागरण संवाददाता, धनबाद: देश के कई राज्यों के न्यायालय के जज, पुलिस अधिकारी, आइआइटी आइआइएम धनबाद में साइबर क्राइम अनुसंधान पर ट्रेनिंग देने वाले साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार पर नौ वर्ष पहले तत्‍कालीन धनबाद थाना प्रभारी मधुसूदन डे ने 20 हजार लेकर लैपटॉप नहीं देने का आरोप लगाया था। इस मामले मे न्यायालय ने दीपक को धनबाद कोर्ट ने निर्दोष बताकर बरी कर दिया।

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कोर्ट ने गवाहों पर वारंट जारी करने के बाद एसपी और डीसी को भी गवाहों को उपस्थिति के लिए पत्राचार किया, लेकिन एक भी गवाह नहीं आया। दीपक कुमार ने वर्ष 2012 में धनबाद के सभी पुलिस अधिकारियों को एसपी कार्यालय में प्रशिक्षण दिया था। इसके बाद दीपक ने शहर एक होटल में चार जनवरी से आठ जनवरी 2013 तक प्रशिक्षण दिया था, इसमें तत्कालीन थाना प्रभारी मधुसूदन डे भी थे। मधुसूदन ने आरोप लगाया था कि जनवरी 2013 को दोस्तों के साथ बैठकर गपशप कर रहे थे उसी बीच एक शख्स आया। अपना नाम दीपक बताया और 20 हजार रुपये लैपटॉप के लिए ले लिये। ना तो इसकी रसीद दी और ना ही पैसा वापस किया। लैपटॉप भी नहीं दिया। दीपक ने इसे कोर्ट में चुनौती दी कि नौ जनवरी 2013 को वह एक कार्यक्रम में डीएवी बोकारो में थे और उन्होंने कोई रसीद नहीं दी। दीपक के अधिवक्ता प्रमोद प्रभाकर ने पैरवी की। उन्होंने पांच जनवरी के एक दैनिक समाचार पत्र की कटिंग और फोटो, वीडियो दिखाया और न्यायालय से कहा कि तस्वीर अचानक मुलाकात की नहीं, बल्कि ट्रेनिंग में सभी पुलिस वाले भी हैं। 2012 में भी एसपी कार्यालय में ट्रेनिंग ली थी। पूर्व से सभी अधिकारी परिचित हैं। अभी तक ट्रेनिंग का पैसा भुगतान नहीं किया है। मुसीबत के समय मेहनत का पैसा मांगा तो इन लोगों ने झूठा केस कर दिया। अब रसीद देने का बात कही जा रही है।

दीपक ने कहा कि अब तीन करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा मधुसूदन डे के साथ जांच करने वाले पुलिस अधिकारी पर भी करेंगे। कहा- बिना मेरा बयान लिए उन्‍होंने आरोप पत्र दायर किया था। उच्च न्यायालय में भी याचिका दायर करेंगे कि मुकदमा दायर करने के बाद पुलिस न्यायालय में हाजिर नहीं हुई।


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