धनबाद, जेएनएन: यह हम नहीं कह रहे खुद भाजपा के कार्यकर्ता ही कह रहे हैं। वह भी अपने राष्ट्रीय नेताओं के बारे में। बंगाल चुनाव के बाद लगातार हो रही हिंसा में मारे जा रहे कार्यकर्ताओं और बदसलूकी की शिकार हो रही महिला कार्यकर्ताओं के कारण झारखंड के भी कार्यकर्ताओं में रोष और चिंता साफ झलक रही है।
पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने यह रोष बंगाल की सरकार के खिलाफ जाहिर करने के लिए कहा था। लेकिन यहां भी पासा उल्टा पड़ गया। कार्यकर्ताओं ने जुबान खोली तो तृणमूल पार्टी और उसके नेतृत्व से अधिक अपने ही नेताओं को लपेटना शुरू कर दिया। लिखा की अब जाकर पता चला है कि भाजपा में इतने अच्छे अच्छे प्रवक्ता क्यों होते हैं। दरअसल वह मुंह से ही तोप का गोला दागने में माहिर होते हैं।
उन्होंने यह भी लिखा इशरत जहां के एनकाउंटर के बाद कांग्रेस पार्टी ने गुजरात के गृह मंत्री तक को जेल भेज दिया था। और दूसरी तरफ भाजपा का नेतृत्व है जो अपने कार्यकर्ताओं की लगातार हो रही नृशंस हत्या और महिला कार्यकर्ताओं के साथ बदसलूकी के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं कर पा रही। उन्होंने सवाल पूछा है, यह जो 300 प्लस की संख्या में सांसदों को जिताया गया वह कब काम आएंगे। पावर दिया है तो इस्तेमाल क्यों नहीं करते। दो कौड़ी के गुंडों को भी कंट्रोल नहीं कर सकते तो डूब मरो ढक्कन में पानी लेकर।
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