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देश के सर्वोच्‍च संस्‍थान IIT में महिलाओं को इस क्षेत्र में नहीं मिलता था प्रवेश, कानून बदला तो खुलीं नई राहें

एक समय था जब रक्षा और माइनिंग जैसे क्षेत्र में केवल पुरुषों का ही वर्चस्व हुआ करता था। इन क्षेत्रों से संबंधित विषयों में केवल छात्र ही नामांकन ले सकते थे लेकिन 2017 में हुए कानूनों में संशोधन ने महिलाओं के लिए भी नई राहें खोल दीं।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 12:28 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 12:28 PM (IST)
देश के सर्वोच्‍च संस्‍थान IIT में महिलाओं को इस क्षेत्र में नहीं मिलता था प्रवेश, कानून बदला तो खुलीं नई राहें
अब लड़कियां भी चुनौतियों का सामना कर अपनी राह खुद बनाना शुरू कर चुकी हैं।

जागरण संवाददाता, धनबाद: एक समय था जब रक्षा और माइनिंग जैसे क्षेत्र में केवल पुरुषों का ही वर्चस्व हुआ करता था। इन क्षेत्रों से संबंधित विषयों में केवल छात्र ही नामांकन ले सकते थे, लेकिन 2017 में हुए कानूनों में संशोधन ने महिलाओं के लिए भी खनन के क्षेत्र में पढ़ाई और रोजगार की राहें खोल दीं। अब उसके सुखद परिणाम भी सामने आने लगे हैं।

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माइनिंग की पढ़ाई करानेवाले विश्व के सबसे बड़े संस्थान धनबाद स्थित आइआइटी आइएसएम के लिए यह इस मायने में महत्वूपर्ण था कि इसी साल कानूनों में बदलाव के बाद यहां नौ लड़कियों ने खनन में बीटेक की पढ़ाई के लिए नामांकन कराया था। अब चार साल बाद उनमें से सभी ने निर्धारित परीक्षाओं को सफलतापूर्वक पास कर अपनी क्षमता का परिचय तो दिया ही, साथ ही सरकार के निर्णयों को भी सही साबित कर के दिखा दिया। रविवार को माइनिंग में बीटेक करनेवाली सभी लड़कियों को संस्‍थान से विदाई दी गई। इसके पहले उन सभी लड़कियों ने कैंपस प्लेसमेंट के जरिए अपने लिए नौकरी ढ़ूंढ सफलता की नई कहानी लिख डाली है।

संस्‍थान के प्रोफसर्स भी कहते हैं कि अब तो साल दर साल संस्थान में नामांकन लेनेवाली लड़कियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, जो यह बताती है कि अब लड़कियां भी चुनौतियों का सामना कर अपनी राह खुद बनाना शुरू कर चुकी हैं।

आइआइटी आइएसएम धनबाद में रविवार को आयोजित फेयरवेल पार्टी को संबोधित करते हुए संस्थान के उप निदेशक प्रोफेसर धीरज कुमार ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, जब हमारे संस्थान से लड़कियां माइनिंग विषयों में बीटेक की डिग्री लेकर जा रही हैं। उन पर गर्व जताते हुए उन्होंने कहा उनके लिए इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं।

वहीं टाटा स्टील में केंपस प्लेसमेंट के जरिए नौकरी पाने वाली पायल ने इसे अपने लिए ही नहीं, बल्कि माइनिंग में अपना कैरियर बनाने वाली सभी लड़कियों के लिए महत्वपूर्ण माइलस्‍टोन बताया। पायल ने कहा कि उसने 'कुछ भी असंभव नहीं है' के मंत्र के साथ इस क्षेत्र में आने का सोचा और आज उसकी सफलता पर पूरा परिवार गर्व कर रहा है।


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