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विश्वकर्मा परियोजना में फायरिग के लिए प्रशासन व प्रबंधन जिम्मेवार

संस धनसार विश्वकर्मा परियोजना में मैनुअल ट्रक लोडिग के विवाद को लेकर पूर्व से खूनी संघर्ष क

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 09:45 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 09:45 PM (IST)
विश्वकर्मा परियोजना में फायरिग के लिए प्रशासन व प्रबंधन जिम्मेवार
विश्वकर्मा परियोजना में फायरिग के लिए प्रशासन व प्रबंधन जिम्मेवार

संस, धनसार : विश्वकर्मा परियोजना में मैनुअल ट्रक लोडिग के विवाद को लेकर पूर्व से खूनी संघर्ष की संभावना बनी हुई थी। इस बाबत सांसद पीएन सिंह व विधायक राज सिन्हा ने उपायुक्त को पत्र लिखकर मामले से अवगत कराया था। कहा था कि एसडीओ के पास मामला है। सभी पक्षों में वार्ता कराकर ही लोडिग कार्य शुरू कराई जाए। बावजूद इसके ना तो जिला प्रशासन और ना ही कुसुंडा प्रबंधन की ओर से कोई ठोस कदम उठाया गया। नतीजतन गुरुवार को परियोजना में कोयला लेने के लिए ट्रक के आते ही मारपीट व फायरिग की घटना हुई।

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विधायक राज सिन्हा व मासस के पूर्व विधायक अरुप चटर्जी सहित सभी नेताओं ने घटना का जिम्मेवार जिला प्रशासन व कुसुंडा महाप्रबंधक को बताया है। कहा कि जिला प्रशासन की निष्क्रियता के कारण ऐसा हुआ। एक गुट में शामिल जमसं कुंती गुट के देशराज चौहान, मासस के सुमन हांसदा व झामुमो का नेतृत्व कर रहे देबु महतो का कहना है कि यहां के आदिवासियों ने अपनी जमीन खोकर यहां ट्रक लोडिग का काम पाया है। बाहरी लोग रंगदारी करने के लिए यहां वर्चस्व जमाना चाहते हैं। इसलिए गुड्डू सिंह भाजपा सांसद पीएन सिंह और विधायक राज सिन्हा का सहारा लेकर कब्जा जमाना चाहते हैं।

दूसरे गुट के भाजपा समर्पित युवा बेरोजगार मंच का नेतृत्व कर रहे गुड्डू सिंह का कहना है कि आदिवासियों की आड़ में बाहरी लोग रंगदारी के लिए यहां अपना वर्चस्व कायम करना चाहते हैं। इसलिए यहां के मजदूरों को काम नहीं देना चाहते। हम तो मजदूरों के लिए आंदोलन कर रहे हैं। रंगदारी से कोई लेना देना नहीं है।

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विश्वकर्मा में हो रही हिसक घटनाएं :

विश्वकर्मा परियोजना में सरदारी की आड़ में रंगदारी का खेल जारी है। इसी कारण से यहां मजदूरों के रोजगार का मामला सलट नहीं रहा है। तीन साल तक यहां मैनुअल लोडिग कार्य बंद रहा। कई बार दोनों पक्षों में जिला प्रशासन ने प्रबंधन की पहल पर वार्ता करा काम चालू कराने का प्रयास किया गया, लेकिन रंगदारी का मामला बीच में आ गया। मजदूर रोजगार से वंचित हो गए। आज परियोजना में लोडिग के लिए मजदूर जब पहुंचे थे तो सभी के हाथ में सैकड़ों डंडे में झंडे लगे हुए थे। मारपीट हुई तो सभी लोगों ने डंडे से झंडा निकालकर उसे अंधाधुंध चलाना शुरू कर दिया।

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जमीन खोकर गरीब, आदिवासी यहां अपना रोजगार पाए थे, लेकिन भाजपा के लोग यहां रंगदारी के लिए खलल डाल रहे हैं। पुलिस और प्रबंधन इन लोगों के साथ मिले हैं। सीएम व डीजीपी से मिलकर मामले से उन्हें अवगत कराएंगे।

- अरूप चटर्जी, पूर्व मासस विधायक निरसा।

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कुछ नेताओं के दबाव में आकर पुलिस और जिला प्रशासन काम कर रहा है। ताकि यहां कोयला लोडिग का कार्य शुरू न हो सके। अगर पुलिस चाहती तो यहां लोडिग का कार्य शुरू हो जाता। मामले में जिला प्रशासन को ठोस कदम उठाकर कोयला लोडिग का काम चालू कराना चाहिए।

- रागिनी सिंह, भाजपा नेत्री।

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जिला प्रशासन, असामाजिक तत्व और कुसुंडा प्रबंधन की मिलीभगत से इस घटना को अंजाम दिया गया है। पूर्व में इस मामले में अवगत कराने के बाद भी जिला प्रशासन ने अनदेखी की। वार्ता कर कार्य शुरू कराया जाए।

- राज सिन्हा, धनबाद विधायक।

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मैंने पूर्व में उपायुक्त को पत्र लिखकर आदिवासी मजदूरों को कार्य में प्राथमिकता देने की मांग की थी। दूसरे पक्ष के मजदूरों को अलग रोजगार देने की व्यवस्था करने को कहा गया था। इसपर जिला प्रशासन और प्रबंधन को सार्थक पहल करनी चाहिए थी।

- मथुरा महतो, झामुमो विधायक टुंडी।

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विश्वकर्मा परियोजना में दिनभर कब क्या हुआ

8.00 बजे सुबह से सभी गुट के मजदूर परियोजना में जुटने लगे।

9.30 बजे पुलिस, सीआईएसएफ दोनों गुटों के बीच दीवार बनकर रोका।

12.05 बजे कोयला लोडिग के लिए ट्रक व हाइवा परियोजना पहुंचे।

12.08 बजे दोनों गुटों में मारपीट शुरू हुई।

12.10 बजे पुलिस व सीआइएसएफ ने लाठी चार्ज किया।

12.30 बजे ट्रक को बिना कोयला लोड किए वापस भेजा गया।

1.15 बजे हाइवा को भी बिना कोयला लोड किए बाहर निकला गया।


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