IIT (ISM) ने छुआ गौरवशाली इतिहास का नया पड़ाव, अदाणी ने किया Adani 3S Mining Excellence Centre का उद्घाटन
Gautam Adaniः अदाणी समूह के चेयरमैन गाैतम अदाणी मंगलवार को धनबाद में थे। उन्होंने आइआइटी आइएसएम के शताब्दी स्थापना सप्ताह के समापन समारोह में भाग लिया ...और पढ़ें

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गाैतम अदाणी।
जागरण संवाददाता, धनबाद। IIT (ISM) धनबाद ने आज अपने गौरवशाली इतिहास का एक अहम पड़ाव छू लिया। संस्थान ने 100वां स्थापना दिवस मनाते हुए उस सौ साल की यात्रा को याद किया, जिसने देश को इंजीनियरिंग, अर्थ साइंसेज, ऊर्जा शोध, तकनीकी नवाचार और राष्ट्रीय विकास के क्षेत्र में नई दिशा दी।
पेनमैन ऑडिटोरियम में आयोजित भव्य समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी मौजूद रहे। यह कार्यक्रम 3 से 9 दिसंबर तक चले सेंचुरी फाउंडेशन वीक का शानदार समापन भी रहा, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डा पीके मिश्रा ने किया था।
सप्ताह भर चली गतिविधियों—सिम्पोजियम, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां एलुमनाई संवाद और सामुदायिक कार्यक्रमों—ने संस्थान की समृद्ध विरासत और भविष्य की दृष्टि को उजागर किया। कार्यक्रम की शुरुआत औपचारिक स्वागत, पुष्पगुच्छ, दीप प्रज्ज्वलन और मंगलाचरण से हुई, जिसका संचालन कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस की डीन प्रो. रजनी सिंह ने किया।
अदाणी का विजनरी संबोधन
अपने फाउंडेशन डे संबोधन में गौतम अदाणी ने कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियां पहले से कहीं अधिक जटिल और बंटी हुई हैं, ऐसे में भारत को अपना विकास माडल स्वयं तय करना होगा। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में किसी भी देश की वास्तविक संप्रभुता उसके प्राकृतिक संसाधनों और ऊर्जा प्रणालियों पर उसकी पकड़ से तय होगी।
संस्थान की स्थापना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि IIT (ISM) एक दूरदर्शी राष्ट्रीय सोच से जन्मा संस्थान है—इस समझ के साथ कि धरती के भीतर मौजूद ताकत को जाने बिना कोई देश ऊंचा नहीं उठ सकता।
अडानी ने 50 वार्षिक पेड इंटर्नशिप और प्री-प्लेसमेंट आफर की घोषणा की, साथ ही TEXMiN के सहयोग से Adani 3S Mining Excellence Centre की स्थापना भी घोषित की। इसके लिए अदाणी फाउंडेशन 7 करोड़ खर्च करेगा।
यात्रा पर चेयरमैन, निदेशक और प्रबंधन के विचार
बोर्ड आफ गवर्नर्स के चेयरमैन प्रो. प्रेम व्रत ने कहा कि 1926 में बोए गए एक दूरदर्शी बीज ने आज सौ साल बाद एक विशाल और प्रभावी संस्थान का रूप ले लिया है। उन्होंने कहा कि IIT (ISM) का सफर एक खास खनन स्कूल से एक वैश्विक, बहुविषयक संस्थान तक पहुँचने की प्रेरणादायक कहानी है।
निदेशक प्रो. सुकुमार मिश्रा ने स्थापना दिवस को एक भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि IIT (ISM) की यात्रा भारत की वैज्ञानिक जागृति का प्रतिबिंब है। उन्होंने संस्थान के बढ़ते कदम—ऊर्जा प्रणाली, AI, स्थिरता, सामाजिक शोध—का उल्लेख करते हुए कहा कि अगले सौ वर्षों में संस्थान नवाचार, तकनीक और राष्ट्रीय विकास में और महत्वपूर्ण योगदान देगा।
फिल्म, सम्मान, उद्घाटन और धन्यवाद प्रस्ताव
समारोह में IIT (ISM) की 100 वर्षीय यात्रा पर आधारित एक विशेष फिल्म दिखाई गई। इसके बाद अकादमिक उपलब्धियों, शोध, नवाचार और संस्थागत योगदान के लिए चयनित प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।
राष्ट्रीय गान के बाद मुख्य अतिथि ने TEXMiN भवन में Adani Centre of Excellence का उद्घाटन किया और अधिकारियों, शिक्षकों व पूर्व छात्रों से बातचीत की। कार्यक्रम का समापन डिप्टी डायरेक्टर प्रो. धीरज कुमार के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों, पूर्व छात्रों, संकाय, कर्मचारियों, विद्यार्थियों और साझेदार संस्थानों का आभार व्यक्त किया।
सौ साल का जश्न, नए सौ साल की शुरुआत
IIT (ISM) धनबाद अब अपने अगले सौ वर्षों की यात्रा में प्रवेश कर चुका है-एक ऐसी यात्रा जिसमें वह देश के लिए वैज्ञानिक, तकनीकी और नवाचार आधारित नेतृत्व तैयार करने के अपने संकल्प को और मजबूत करेगा।

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