मनरेगा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष वित्तीय अनियमितता में सेवामुक्त, 10 दिन में गबन की राशि होगी वसूल Dhanbad News
MNREGA बिराजपुर एवं सहराज पंचायत में मनरेगा योजनाओं के सोशल आडिट के क्रम में अनियमितता पाई गई थी। शिकायत के आधार पर जिला स्तर पर जांच दल गठित कर इसकी पड़ताल की गई।
रांची/धनबाद, जेएनएन। MNREGA राज्य सरकार के स्तर से मनरेगा कर्मचारियों को 48 घंटे में हड़ताल से वापस होने का अल्टीमेटम दिया गया था। अल्टीमेटम की अवधि समाप्त होते ही सरकार एक्शन मोड में आ गई है। निशाने पर हड़ताल का नेतृत्व करने वालों को लिया गया है। इस कड़ी में झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिरुद्ध् पांडेय पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें कार्य से मुक्त कर दिया गया है। हालांकि उनकी सेवा समाप्ति की प्रत्यक्ष वजह वित्तीय अनियमितता को बताया गया है। अनिरुद्ध् पांडेय धनबाद के गोविंदपुर प्रखंड के सहराज एवं बिराजपुर ग्राम पंचायत के ग्राम रोजगार सेवक थे। इनके अलावा सहराज के पंचायत सचिव विजय कुमार को भी निलंबित किया गया है। सहराज के मुखिया जाकिर अंसारी की वित्तीय शक्ति भी जब्त कर ली गई है। इस संबंध में धनबाद उपायुक्त के स्तर से आदेश जारी किया गया है।
बता दें कि बिराजपुर एवं सहराज पंचायत में मनरेगा योजनाओं के सोशल आडिट के क्रम में अनियमितता पाई गई थी। शिकायत के आधार पर जिला स्तर पर जांच दल गठित कर इसकी पड़ताल की गई। जांच दल द्वारा समर्पित प्रतिवेदन के आधार पर गोविंदपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने उक्त दोनों पंचायतों के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, सहायक अभियंता, कनीय अभियंता, पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सेवक एवं मुखिया से गत सात अगस्त को स्पष्टीकरण मांगा था। योजनाओं में पाई गई अनियमितता, योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही, स्थल पर योजना नहीं पाए जाने और स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिए जाने के कारण सहराज और बिराजपुर के रोजगार सेवक अनिरुद्ध पांडेय को संविदा से मुक्त करने का मंतव्य गोविंदपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने दिया। इस मंतव्य के आधार पर अनिरुद्ध् पांडेय को कार्यमुक्त करने का निर्णय लिया गया। धनबाद उपायुक्त के स्तर से निकाले गए इस आदेश में निर्देश दिया गया कि अगले दस दिनों के अंदर ग्राम रोजगार सेवक अनिरुद्ध् पांडेय द्वारा योजनाओं में की गई गबन-अनियमितता की राशि की वसूली की जाए। वसूली न होने की स्थिति में सार्टिफिकेट केस किया जाए।