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Shashikant murder case : नौ वर्ष बाद हत्यारोपी बेंगलुरु से गिरफ्तार, शुटरों का अब भी कोई सुराग नहीं Dhanbad News

शशिकांत सिंह हत्याकांड मामले में आरोपित कृष्णा जयसवाल को पुलिस ने आखिरकार नौ साल बाद गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने कृष्णा जयसवाल को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया।

By Sagar SinghEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 07:46 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 07:46 PM (IST)
Shashikant murder case : नौ वर्ष बाद हत्यारोपी बेंगलुरु से गिरफ्तार, शुटरों का अब भी कोई सुराग नहीं Dhanbad News
Shashikant murder case : नौ वर्ष बाद हत्यारोपी बेंगलुरु से गिरफ्तार, शुटरों का अब भी कोई सुराग नहीं Dhanbad News

धनबाद/बोकारो, जेएनएन। धनबाद के जोड़ापोखर निवासी ठेकेदार शशिकांत सिंह हत्याकांड मामले में आरोपित रांची लालपुर निवासी शराब कारोबारी कृष्णा जायसवाल को हरला पुलिस ने बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है। अदालत के आदेश पर आरोपित को पुलिस बुधवार की शाम न्यायिक हिरासत में मंडल कारा चास भेज दी। नौ वर्षों बाद पुलिस जायसवाल को गिरफ्तार करने में सफल हुई।

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घटना 13 अगस्त 2010 में हरला थाना इलाके में रेलवे फाटक के पास हुई थी। शशि अपने चालक के साथ कार से रांची जा रहे थे। रेलवे फाटक के पास दो बाइक पर सवार चार अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर व्यवसायी को बुरी तरह से घायल कर दिये थे। घायल शशि के चालक ने उन्हें इलाज के लिए बीजीएच पहुंचाया। यहां 16 अगस्त को इलाज के दौरान इनकी मौत हो गई थी।

पैसे का लेन-देन बना घटना की वजह

इसके पहले मृतक के पिता राम वृक्ष सिंह की शिकायत पर पुलिस 14 अगस्त को कृष्णा जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली थी। पुलिस इस मामले में गिरफ्तारी के लिए काफी सुस्त चाल से चलती रही। पुलिस की सुस्ती के खिलाफ मृतक के परिजनों ने हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया। बताया जाता है कि शशिकांत हत्यारोपी कृष्णा को साठ लाख रुपये दिए थे। ये पैसा लौटाना न पड़े, इसी को लेकर उसने हत्या की साजीश रची और घटना को अंजाम दिया।

दसवें आइओ ने चार्ज लेते ही तेज किया गिरफ्तारी के लिए प्रयास

बताया जाता है कि इस मामले का अभी तक नौ अनुसंधानकर्ता अनुसंधान कर चुके थे। घटना के दो वर्षों बाद 2012 में हत्यारोपी के लालपुर के पते पर पुलिस कुर्की जब्ती की। इसके बाद इस मामले में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी। बताया जाता है कि वर्तमान थाना इंचार्ज जय गोविंद प्रसाद गुप्ता इस मामले का चार्ज लिए तो अनुसंधान को गति देना शुरू किए।

शुटरों को पुलिस आज तक नहीं खोज सकी

बीते सितंबर माह में हत्यारोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर इसे फरार दिखाते हुए अदालत में पुलिस ने आरोप पत्र समर्पित कर दिया। आरोप पत्र समर्पित करने के बाद भी थाना इंचार्ज गिरफ्तारी का प्रयास लगातार करते रहे। सूचना मिली कि हत्यारोपी बेंगलुरु में छिपा है। वहां पुलिस पहुंची और इसे गिरफ्तार कर ले आई। इधर घटना को अंजाम देने वाले शुटरों को पुलिस आज तक नहीं खोज सकी।


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