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सरकार ने बना दिया पुल, सड़क बनाना गई भूल

सरकार एक सुविधा बढ़ा तो दी लेनिक उसके इस्तेमाल के लिए होने वाली तकलीफो पर ध्यान नहीं दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 12:10 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 12:10 PM (IST)
सरकार ने बना दिया पुल, सड़क बनाना गई भूल
सरकार ने बना दिया पुल, सड़क बनाना गई भूल

आशीष अंबष्ठ, धनबाद : कभी-कभी सुविधाएं होते हुए भी लोगों को उसका सही फायदा नहीं मिल पाता है। इसका सटीक उदाहरण है निरसा विधानसभा क्षेत्र के झारखंड-पश्चिम बंगाल सीमा से सटे खेरकियारी व नूतनग्राम को जोड़ने वाली खुदिया नदी पर बना पुल। इस पुल का निर्माण तो करा दिया गया, पर सरकार सड़क बनाना ही भूल गई है। तीन साल पहले मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत तीन करोड़ की लागत से खुदिया नदी पर इस पुल का निर्माण किया गया था। हालांकि यहां तक पहुंचने के लिए जो सड़क होनी चाहिए, वह पूरी तरह से कच्ची व पगडंडी रास्ता है।

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पुल पर चढ़ने के लिए उसके नीचे से होकर ही गुजरना पड़ता है। अगर नदी में पानी आ जाए तो लोगों को कितनी परेशानी हो सकती है, इसका अंदाजा आप बखूबी लगा सकते हैं। पुल के दो पायों के नीचे से ही नदी होकर पुल पर चढ़ सकते हैं। खैरकियारी क्षेत्र के मुखिया हलधर धीवर व डुमरकुंडा पंचायत के मुखिया अजय पासवान हैं। ग्रामीण इनके क्षेत्र से गुजरते हैं, पर विकास को लेकर गंभीर नहीं दिख रहे। हलधर धीवर ने भी कहा कि इस संबंध में किसी से पत्राचार नहीं किया गया है। सड़क बन जाए तो होगा आसान : इस जगह अगर सड़क अगर बन जाए को खेरकियारी पंचेत जाने में लोगों को काफी आसानी होगी। चिरकुंडा से पंचेत की दूरी में करीब पांच किमी की कमी आ जाएगी, लेकिन पुल बनने के बाद भी यातायात की बेहतर सेवा बहाल नहीं हो पा रही है।

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इन गांवों को मिलेगा लाभ :

चांच, बाबूडंगाल, नूतनग्राम, डुमरकुंडा, बाउतीडीह, बैधनाथपुर, नेपुरा, खैरकियारी, बांदा, झोरबुड़ी आदि गांव के लोगों को इससे फायदा मिलेगा।

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क्या कहते ग्रामीण

सरकार के साथ-साथ जनप्रतिनिधि को भी इसके बारे में सोचना चाहिए। पुल बनने से लाभ तो हुआ है, पर पक्की सड़क नहीं होने के कारण आने-जाने में काफी दिक्कत होती है।

- निर्मल कुमार, बीए पास, ग्रामीण बैधनाथपुर

काफी संख्या में बच्चे-बच्चियां स्कूल कॉलेज पढ़ने जाते हैं। पुल बनने से निश्चित ही आधा दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को लाभ हुआ है, पर सड़क की हालत खराब है, जिससे टैंपू तक नहीं चलता है।

- रमेश कुमार बाउरी, इंटर पास, ग्रामीण बैधनाथपुर

सड़क नहीं बनने से पुल का लाभ जितना लोगों व ग्रामीणों को मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल पा रहा है। जब वाहन का आवागमन नहीं होगा, तो साइकिल और मोटर साइकिल की सावरी से कितना काम होगा। इस पर सरकार व जनप्रतिनिधियों को सोचना चाहिए।

- उत्तम कुमार, ग्रामीण बैधनाथपुर

लंबे समय से बैधनाथपुर खैरकियारी व नूतनग्राम के बीच खुदिया नदी पर पुल की मांग थी। पुल का निर्माण हुआ, लेकिन क्या स्थिति है यह प्रशासन को देखना और समझना चाहिए। सड़क विकास की सबसे बड़ी कड़ी होती है और यहां वही नहीं है।

- निमाई बाउरी, ग्रामीण बैधनाथपुर

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क्या कहते हैं विधायक

सड़क निर्माण को लेकर फिलहाल विभाग को कोई पत्र नहीं लिखा गया है। अगले बजट में इस पर विचार किया जाएगा। स्थानीय लोगों को भी विकास को लेकर जागरूक होने की जरूरत है।

- अरूप चटर्जी, विधायक निरसा

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कई और पुलों की यही स्थिति

धनबाद जिले के कई ग्रामीण पुलों का यही हाल है। बेलकुप्पा पंचायत के झिरका गांव की बात हो या फिर कालूबथान के पास बने रेल नाइन किनारे पुल की। सभी जगह पुल का निर्माण हो गया है, लेकिन सड़कें अभी भी पूरी तरह से कच्ची हैं। यह पगडंडी की तरह है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।


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