जानें-आयकर की फाइलों में धन्ना सेठ क्यों बन रहे किसान?
बिहार व झारखंड के लगभग 400 से अधिक आयकरदाताओं को चिह्नित कर आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है जिन्होंने अपनी आमदनी का एक बड़ा हिस्सा कृषि से दिखाया है।
By Edited By: Published: Tue, 02 Apr 2019 07:21 AM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 09:04 AM (IST)
धनबाद, जेएनएन।सरकार जितने सख्त नियम करती जा रही है, टैक्स चोर भी इसका तोड़ निकालने की तरकीब निकालते जा रहे हैं। कृषि ऐसा ही एक नया क्षेत्र बनकर उभरा है जहां लोग अपनी आय का बड़ा हिस्सा दिखाकर टैक्स देने से बच रहे हैं। आयकर विभाग की जांच में इसका खुलासा हुआ है।
बिहार व झारखंड के लगभग 400 से अधिक आयकरदाताओं को चिह्नित कर आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है, जिन्होंने अपनी आमदनी का एक बड़ा हिस्सा कृषि से दिखाया है। अकेले धनबाद रेंज में ही ऐसे करदाताओं की संख्या 45 से अधिक है। इन्होंने कृषि में निवेश दिखाकर टैक्स चोरी की है। सभी को नोटिस भेजा गया है। कुछ व्यक्ति ऐसे भी हैं जिन्होंने 50 से 75 लाख रुपये कृषि में निवेश दिखाया है। कई तो आयकर विभाग के समक्ष अपनी सफाई पेश कर रहे हैं, लेकिन अभी भी कईयों ने आयकर नोटिस का जवाब तक नहीं दिया है। ऐसे लोगों पर विभाग कार्रवाई करने जा रहा है।
आयकर विभाग धनबाद रेंज में देवघर, गिरिडीह, जामताड़ा, पाकुड़, साहिबगंज, दुमका और गोड्डा जिले आते हैं। जहां कभी फसल नहीं उगी, वहां दिखाई लाखों की पैदावार आयकर विभाग ने करोड़ों की आय दिखाने वाले कुछ लोगों की संपत्ति की जाच की है तो पता चला कि जिस खेत में कभी कोई फसल ही नहीं उपजी है, कागज पर उस खेत से लाखों की फसल की उपज दिखा दी है। फिर इसे कृषि आय के तौर पर दिखा दिया गया है। इसी तरह व्यावसायिक जमीन को कृषि जमीन बताकर, उसमें फसल की उपज को दिखाते हुए सालाना लाखों की आय दिखाई गई है। 50 लाख से अधिक की जमीन को कृषि योग्य भूमि दिखाकर सीधे तौर पर एक फीसदी आयकर की चोरी कर ली जाती है। धनबाद, देवघर, गिरिडीह, दुमका, साहिबगंज आदि जिलों में इस तरह के मामले अधिक देखने को मिले हैं।
बिहार व झारखंड के लगभग 400 से अधिक आयकरदाताओं को चिह्नित कर आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है, जिन्होंने अपनी आमदनी का एक बड़ा हिस्सा कृषि से दिखाया है। अकेले धनबाद रेंज में ही ऐसे करदाताओं की संख्या 45 से अधिक है। इन्होंने कृषि में निवेश दिखाकर टैक्स चोरी की है। सभी को नोटिस भेजा गया है। कुछ व्यक्ति ऐसे भी हैं जिन्होंने 50 से 75 लाख रुपये कृषि में निवेश दिखाया है। कई तो आयकर विभाग के समक्ष अपनी सफाई पेश कर रहे हैं, लेकिन अभी भी कईयों ने आयकर नोटिस का जवाब तक नहीं दिया है। ऐसे लोगों पर विभाग कार्रवाई करने जा रहा है।
आयकर विभाग धनबाद रेंज में देवघर, गिरिडीह, जामताड़ा, पाकुड़, साहिबगंज, दुमका और गोड्डा जिले आते हैं। जहां कभी फसल नहीं उगी, वहां दिखाई लाखों की पैदावार आयकर विभाग ने करोड़ों की आय दिखाने वाले कुछ लोगों की संपत्ति की जाच की है तो पता चला कि जिस खेत में कभी कोई फसल ही नहीं उपजी है, कागज पर उस खेत से लाखों की फसल की उपज दिखा दी है। फिर इसे कृषि आय के तौर पर दिखा दिया गया है। इसी तरह व्यावसायिक जमीन को कृषि जमीन बताकर, उसमें फसल की उपज को दिखाते हुए सालाना लाखों की आय दिखाई गई है। 50 लाख से अधिक की जमीन को कृषि योग्य भूमि दिखाकर सीधे तौर पर एक फीसदी आयकर की चोरी कर ली जाती है। धनबाद, देवघर, गिरिडीह, दुमका, साहिबगंज आदि जिलों में इस तरह के मामले अधिक देखने को मिले हैं।
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