वाहन मालिकों को मदद से ज्यादा उपलब्धि गिनाने में पुलिस की दिलचस्पी, बेगूसराय में सड़ गई दर्जनभर बाइक Dhanbad News
एक दशक पूर्व अंतरप्रांतीय वाहन चोर गिरोह के सरगना संतोष कुमार चौधरी की रांची में गिरफ्तारी के बाद धनबाद व बोकारो पुलिस को भी बड़ी सफलता मिली थी। संतोष के निशानदेही पर रांची पुलिस टीम ने जब बिहार के बेगूसराय में छापेमारी की तो वहां दर्जन भर बाइक मिली।
धनबाद, जेएनएन। बाइक चोरी के मामले में अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की दिलचस्पी शुरू से ही कम रही है। यही वजह है कि धनबाद-बोकारो से चुराई गई है दर्जनभर बाइक बिहार के बेगूसराय में सड़ गई। ना तो पुलिस उन बाइक को धनबाद लाई ना हीं गैंग में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने में ही कोई दिलचस्पी दिखाई। मामला तकरीबन एक दशक पुराना है, पर यह बाइक चोरों के मामले में पुलिस की कार्यशैली दर्शाती है।
वर्तमान में अगर गौर करें तो हर दिन किसी ना किसी थाना क्षेत्र में बाइक चोरी की घटना जरुर हो रही है,पर पुलिस प्राथमिकी के अलावा कुछ नहीं करती है। अधिकांश घटनाओं में पुलिस घटना को सत्य पर सूत्रहीन बताकर एफआरटी कर देती है। कारण भी है कि जिस की बाइक चोरी होती है, बीमा कंपनी से भुक्तभोगी को बाइक का क्षतिपूर्ति मिल जाता है। ऐसे में आखिर कौन दिलचस्पी दिखाएं। बीमा कंपनी से क्लेम लेने के बाद ना तो बाइक मालिक को मतलब रहता है ना बीमा कंपनी को। ऐसे में पुलिस क्यों अपना सिर दर्द बढ़ाएं।
एक दशक पूर्व अंतरप्रांतीय वाहन चोर गिरोह के सरगना संतोष कुमार चौधरी की जब रांची में गिरफ्तारी के बाद धनबाद व बोकारो पुलिस को भी बड़ी सफलता मिली थी। संतोष के निशानदेही पर रांची पुलिस टीम ने जब बिहार के बेगूसराय में छापेमारी की तो वहां दर्जन भर बाइक बरामद हुए। बरामद बाइक में एक रांची का था। जबकि एक दर्जन बाइक धनबाद - बोकारो के थे। सभी बाइक बेगूसराय के भवनाथपुर में रखे गए थे। धनबाद पुलिस ने उपलब्धि तो गिनाई पर ना तो बेगूसराय में बाइक के साथ गिरफ्तार अपराधियों को धनबाद लाने में कोई दिलचस्पी दिखाई ना ही बाइक लाया गया।