बाहरी परीक्षकों को 200 व स्थानीय को 50 रुपये ठहराव भत्ता देने की मांग, शिक्षा मंत्री से मिले कोचिंग संचालक
धनबाद जिला कोचिंग एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से उनके आवास में मिला। बताया कि लॉकडाउन के कारण कोचिंग शिक्षकों के सामने आर्थिक संकट आ गया है।
धनबाद, जेएनएन। Jharkhand Secondary Teachers Association झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ ने जैक सचिव से वार्षिक माध्यमिक एवं इंटर की कॉपियों के मूल्यांकन में स्थानीय स्तर से नियुक्त परीक्षकों के लिए भी बाहरी परीक्षकों की तरह ठहराव भत्ते की मांग की है। संघ के सचिव जय होरो ने कहा कि परिषद से नियुक्त परीक्षकों को 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 15 दिनों तक का ठहराव भत्ता दिया जाता है। स्थानीय परीक्षकों को 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भत्ता मिलता है।
बता दें कि 2016 में स्थानीय परीक्षकों को भी 200 रुपये प्रतिदिन और प्रति कॉपी 12 की जगह 16 रुपये देने की मांग को लेकर शिक्षक संघ ने मूल्यांकन कार्य का एक दिवसीय बहिष्कार किया था। इसके बाद पूर्व जैक सचिव ने मांगें मानते हुए ठहराव भत्ता और प्रति कॉपी मूल्यांकन दर बढ़ा दिया था। वर्तमान में विभाग स्थानीय परीक्षकों को बढ़ा हुआ ठहराव भत्ता देने से परहेज कर रहा है। शिक्षक संघ ने जैक सचिव से ठहराव भत्ता से संबंधित निर्देश मूल्यांकन केंद्र निदेशकों को भेजने का आग्रह किया है।
शिक्षा मंत्री को कोचिंग संचालकों ने बताईं समस्याएं : जिले में लंबे लॉकडाउन के कारण कोचिंग संचालकों के सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गई है। इन समस्याओं के समाधान और कोचिंग संस्थानों को खोलने को लेकर धनबाद जिला कोचिंग एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को मनोज कुमार सिंह, रविंद्र विश्वकर्मा एवं हारूलाल दास के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से उनके आवास में मिला। सभी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बंद कोचिंग कक्षाओं से शिक्षकों के सामने आर्थिक संकट आ गया है। बिजली बिल, मकान किराया, ऑनलाइन पढ़ाई के कारण इंटरनेट बिल समेत कई खर्चे बढ़ गए हैं। शिक्षा मंत्री ने सरकार के समक्ष आपकी समस्या रखकर जल्द से जल्द निराकरण करने का प्रयास करेंगे।