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Positive India: साहब भूखे हैं... सुनते ही सिपाही ने बढ़ा दिया तरबूज, बस चालक आश्चर्य से देखता रह गया

लॉकडाउन के दाैरान हर जगह पुलिस सक्रिय है। इस दाैरान पुलिस की भूमिका बदली-बदली नजर आ रही है। आम ताैर बस चालक हो या ट्रक चालक उनके सामने पुलिस की छवि बहुत अच्छी नहीं है।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 04:17 PM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 04:17 PM (IST)
Positive India: साहब भूखे हैं...  सुनते ही सिपाही ने बढ़ा दिया तरबूज, बस चालक आश्चर्य से देखता रह गया
Positive India: साहब भूखे हैं... सुनते ही सिपाही ने बढ़ा दिया तरबूज, बस चालक आश्चर्य से देखता रह गया

धनबाद, जेएनएन। साहब, भूखे हैं।पूरे रास्ते में कहीं कुछ नहीं मिला। यह कहना था चाईबासा से 20 मजदूरों को लेकर पहुंची बस के चालक भरत साव का। यह सुनते ही अपने खाने के लिए खरीद कर रखे गए तरबूज को सिपाही सीएन भादुड़ी ने चालक की तरफ बढ़ा दिया। चालक के लिए यह नया अहसास था। वह सिपाही को देखता ही रह गया। यह एक बानगी है लॉकडाउन के दाैरान पुलिस की बदली कार्यसंस्कृित की। 

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दरअसल, लॉकडाउन के दाैरान हर जगह पुलिस सक्रिय है। इस दाैरान पुलिस की भूमिका बदली-बदली नजर आ रही है। आम ताैर बस चालक हो या ट्रक चालक उनके सामने पुलिस की छवि बहुत अच्छी नहीं है। उनकी नजरों में पुलिस की छवि डंडा चलाने वाली और अपशब्द का इस्तेमाल करने वाली की है। गुरुवार को धनबाद के रणधीर वर्मा चाैक पर जब बस चालक ने अपनी व्यथा बताई तो पुलिस ने खाने के लिए तरबूज दिए। साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि अभी 11 बजे हैं। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के भोजन का पैकेट अभी नहीं आया है। आया रहता तो भोजन भी कराते। यह देख-सुन चालक के मन पुलिस की स्थायी छवि बदलने में देर न लगी। 

बताते चलें कि चाईबासा में पिछले 14 दिनों से फंसे मजदूरों को स्थानीय जिला प्रशासन ने एक बस के माध्यम से बुधवार को धनबाद भेजा। मजदूर धनबाद जिला के गोविंदपुर और बलियापुर के रहने वाले हैं। श्रमिक चौक पर पुलिस जवानों ने जब बस को रोका तो इन सभी ने जिला प्रशासन और अस्पताल के सारे दस्तावेज दिखाए। पूछताछ में पता चला कि बस में सवार सभी 20 मजदूरों को चाईबासा में 14 दिनों तक क्वारंटाइन रखा गया था। यह अवधि पूरी होने के बाद सभी मजदूरों को उनके घर भेजा गया।  बस चालक भारत साव ने बताया कि कुछ मजदूर हजारीबाग और बोकारो जिला के भी थे। उन्हें उतारने के बाद बस को धनबाद लेकर आए हैं। भारत साव ने कहा कि धनबाद स्टेशन पर सभी मजदूरों को उतारना है। हालांकि पुलिस जवानों ने ऐसा नहीं होने दिया। पुलिस ने बस चालक को मजदूरों को गोविंदपुर और बलियापुर छोड़ने की बात कह बस को रवाना कर दिया।

मजदूरों ने बताया कि वे सभी उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में काम करते थे। लॉकडाउन शुरू होने के बाद वे झारखंड की सीमा पर पहुंचे। यहां से पैदल चलते हुए भटककर चाईबासा पहुंच गए। यहां पर इन्हें प्रशासन ने रोक लिया और मेडिकल जांच कराने के बाद 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया गया था। यह समय पूरा हुआ तो वे अपने घर जा रहे हैं। 


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