Jharkhand: पोल में करंट से छह की मौत का मामला, रेलवे और ठेकेदार पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज
पोल में करंट से छह की मौत ममले में आरवीएनएल और ठेका कंपनी के साइट इंचार्ज पर गैर इरादतन हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई है। साथ ही शवों के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। ठेकेदार बिना अनुमति के ठेका मजदूरों से काम करा रहा था।
जागरण संवाददाता, धनबाद। हावड़ा-नई दिल्ली रेल मार्ग पर सोमवार को दिल दहला लेने वाली एक घटना में धनबाद से गोमो के बीच निचितपुर हाल्ट के पास 25 हजार वोल्ट तार की चपेट में आकर छह लोगों की जलकर मौत हो गई है। कई दूसरे लोग भी बिजली तार की चपेट में आकर झुलस गए हैं।
रेलवे और ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज
इस मामले में रेलवे ने जहां चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है, वहीं रामकनाली ओपी की पुलिस ने इस मामले में रेलवे और ठेकेदार के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया है।
ओपी के सहायक अवर निरीक्षक अमित कुमार की शिकायत पर रेल विकास निगम लिमिटेड-आरवीएनएल और ठेके पर काम करा रही कंपनी के साइट इंचार्ज के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। दूसरी ओर, घटना में मारे गए लोगों के शवों का पोस्टमार्टम शुरू हो गया है।
दिल्ली की सिक्का इंजीनियरिंग कंपनी से आरवीएनएल करा रही काम
ओवरहेड इंक्विपमेंट माेस्ट-(पोल) लगाने का काम रेलवे विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के जिम्मे है। आरवीएनएल एक भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है, जो परियोजना कार्यान्वयन और परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए रेल मंत्रालय की निर्माण शाखा के रूप में काम करता है।
आरवीएनएल पोल लगाने का काम दिल्ली की सिक्का इंजीनियरिंग कंपनी प्रा. लि. से करा रही है। सोमवार को निचितपुर में पोल लगाने के दौरान करंट से झुलसे सुपरवाइजर व मजदूर भी सिक्का कंपनी के अधीन ही काम कर रहे थे।
आरवीएनएल के जीएम इलेक्ट्रिकल भी जांच टीम में शामिल
पोल लगाने का काम आरवीएनएल के जिम्मे होने के कारण ही जांच कमेटी में आरवीएनएल के जीएम इलेक्ट्रिकल को भी शामिल किया गया है। चार सदस्यीय कमेटी की जांच रिपोर्ट के बाद पूरे मामले में पर्दा हट सकता है।
चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन
इस मामले में चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है। वरीय मंडल सरक्षा आयुक्त, सीनियर डीईई टीआरडी, सीनियर डीएसओ और आरवीएनएल इलेक्ट्रिकल के जीएम जांच टीम में शामिल हैं।
मामले पर बयान देते हुए डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने कहा है, मजदूर काम कैसे कर रहे थे। किसकी अनुमति से काम कर रहे थे। यह सबकुछ इंक्वायरी के बाद ही स्पष्ट होगा। विभागीय कार्रवाई भी इंक्वायरी के बाद ही होगी।