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पंचेत डैम में डाले गए 8 लाख मत्स्य बीज, चार महीने में तैयार होने लगेंगी मछलियां Dhanbad News

अंडा से अंगुलिका होने में 2 माह लगता है। यह प्रक्रिया प्रशिक्षित लोग करते है। वही अंगुलिका से मछली करीब एक किलों के साइज होने में 4 माह लगता है। पंचेत डैम में मत्स्य बीज सभी के लिए डाले गए हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 02:44 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 02:44 PM (IST)
पंचेत डैम में डाले गए 8 लाख मत्स्य बीज, चार महीने में तैयार होने लगेंगी मछलियां Dhanbad News
पंचेत डैम में मत्स्य बीच छोड़ते धनबाद जिला मत्स्य विभाग के कर्मचारी।

पंचेत, जेएनएन। झारखंड मत्स्य विभाग ने पंचेत डैम में करीब 8 लाख मत्स्य बीच छोड़ा है। इस दौरान जिला मत्स्य पदाधिकारी मुजाहिद अंसारी ने कहा कि पूरे जिले में करीब 33 लाख मत्स्य बीच छोड़ने का लक्ष्य है। 12.5 लाख  मैथन डैम में छोड़ा गया। वही पंचेत में 15 लाख छोड़ा जाना है। इसके तहत पहले चरण में 8 लाख बीच डाला गया। वही दूसरे चरण में 7 लाख बीज छोड़ा जाएगा। इसमे रेहू, मृगल, कतला, ग्लॉस कार्प सहित मछलियां है।

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विभाग मत्स्य बीज उत्पादक को प्रशिक्षण के बाद मछली का जीरा देता है। उसके बाद तैयार माल लेकर जलाशयों एवं तालाबों में छोड़ा जाता है। उन्होंने कहा कि मछलियों के लिए प्रतिकूल परिस्थितियां नही रहने के कारण प्रजनन नहीं कर पाती है, इसलिए सरकार रोजगार सृजन के लिए मछलियां छोड़ रही है। इस दौरान  मत्स्य पदाधिकारी एके वर्मा ,मत्स्य प्रसार पदाधिकारी जाकिर अंसारी एवं समूह के सलीम अंसारी, इब्राहिम अंसारी, समीर अंसारी  सिकंदर अंसारी सहित अन्य उपस्थित थे।

चार महीने में तैयार होंगी मछलियां

अंडा से अंगुलिका होने में 2 माह लगता है। यह प्रक्रिया प्रशिक्षित लोग करते है। वही अंगुलिका से मछली करीब एक किलों के साइज होने में 4 माह लगता है। पंचेत डैम में मत्स्य बीज सभी के लिए डाले गए हैं।


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