7590 एकल ग्राम में योग; भारतीय संस्कृति से युवाओं को जोड़ने के लिए झारखंड शंखनाद Dhanbad News
तरराष्ट्रीय योग दिवस पर सम्पूर्ण भारत में अखिल भारतीय योजना के तहत एकल अभियान के आरोग्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया एवं भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में सुबह साढ़े सात बजे से झारखंड के 7590 एकल ग्रामों में योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
धनबाद, जेएनएन : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सम्पूर्ण भारत में अखिल भारतीय योजना के तहत एकल अभियान के आरोग्य फाउंडेशन ऑफ इंडिया एवं भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में सुबह साढ़े सात बजे से झारखंड के 7590 एकल ग्रामों (उत्तर झारखंड संभाग से 3990 एकल ग्राम और दक्षिण झारखंड संभाग से 3600 एकल ग्राम) में योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन एकल अभियान के उत्तर प्रदेश लखनऊ कार्यालय से किया गया। आयुष मंत्रालय के चीफ सेक्रेटरी डॉ राजेश कोटेचा योग कार्यक्रम में वर्चुअली उपस्थित रहे।
उत्तर झारखंड संभाग के अंतर्गत धनबाद भाग के गोविन्दपुर अंचल, विद्यालय ग्राम चोकटाँड बलियापुर में सुबह 7:30 से 8:30 बजे तक योग कार्यक्रम किया गया। इसका सीधा प्रसारण वर्चुअल माध्यम ज़ूम के जरिए केंद्रीय स्तर पर प्रसारित किया गया।
एकल अभियान की युवा विभाग एकल फ़्यूचर के द्वारा सोमवार को अखिल भारतीय स्तर पर युवाओं को अपनी भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए झारखंड के 7590 एकल विद्यालय ग्राम एवं महानगरों में जन-जन को जोड़ने हेतु शंखनाद का कार्यक्रम हुआ। धनबाद महानगर के करीब 500 परिवारों में संध्या साढ़े छह से सात बजे तक सात मिनट के लिए शंख बजाकर शंखनाद किया गया।
शंख बजाने से मजबूत होते हैं फेफड़े
शंखनाद कार्यक्रम के विषय में एकल अभियान उत्तर झारखंड के अध्यक्ष रविंद्र ओझा ने बताया कि हम सब
ने कोरोना की इस द्वितीय लहर को बड़े क़रीब से देखा है और हमारे शरीर में फेफड़ों के महत्व को समझा है। हमारी दैनिक संस्कृति में ही शंख बजाने की पद्धति रही है। यह हमारे फेफड़ों को लचीला एवं स्वस्थ रखने में रामबाण हैं और कही ना कही प्रतिदिन की इस योग पद्धति से हमारी युवा पीढ़ी दूर होते जा रही है। इसी निमित पिछले वर्ष से ही एकल अभियान योग दिवस पर शंखनाद का यह विशेष कार्यक्रम आयोजन कर रहा है। यह दिन विश्व का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दृढ़ जीवन प्रदान करता है। शंख प्रतिदिन की पूजा पद्धति का एक पवित्र अंग है।
इसके पीछे भी विज्ञान है। शंख को विजय, समृद्धि सुख शांति यश कीर्ति और लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शंखनाद विजय का प्रतीक है। शंख ध्वनि शुभ मानी जाती है। समुंद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों में से छठवां रत्न शंख था। शंख बजाने से ध्वनि तरंगे उत्पन्न होती है। जिससे नकारात्मक शक्तियों का भी विनाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। अब डॉक्टर भी मानते है शंख बजाने से फेफड़े मजबूत होते हैं और फेफड़ों की लचीलापन भी बढ़ जाता है। शंख बजाने से तनाव एवं पेट में गैस की भी समस्या दूर होती है।
महाभारत युद्ध में श्री कृष्ण अपने पंचजन्य शंख से पांडव सेना में उत्साह का संचार ही नहीं करते थे, बल्कि इससे कौरव सेना में भय व्याप्त हो जाता था।
यह शंखनाद योजना कोरोना काल में सेवा दे रहे फ़्रंटलाइन वर्कर्स एवं सीमा पर तैनात भारत के वीर बेटों के सम्मान में समर्पित था। सेना के सहयोग हेतु हर कदम पर एकल फ्यूचर के युवा तैयार है। यह शंखनाद भारतीयों को एक सूत्र में पिरोता है। युवा जगेगा तो ही राष्ट्र जगेगा। इस अभियान को सफल बनाने में मुख्य रूप से उत्तर झारखंड संभाग के अध्यक्ष और एकल फ्यूचर झारखंड एकल अभियान के सचिव आयुष तिवारी, अंकित पांडे, अमन सिंह, खुशी राय, रेनू गुप्ता, रोहित भारती, हर्षित पांडे, गौरव चौधरी, सौरभ आर्य, मनीष अत्रि, प्रतिष्ठा वर्मा, तुषार कश्यप, आदित्य तिवारी, आदित्य सिंह एव बड़ी संख्या में युवाओं ने अपना अहम योगदान दिया है। एकल ग्राम के सभी कार्यकर्ताओं का भी इसमें अहम योगदान रहा। इस मौके पर लक्ष्मण सिंह, विजय सिन्हा, नीरज अग्रवाल, धनंजय दास, सपन महतो, दिनेश, खेदन महतो, विकास अग्रवाल, मीना एवं गांव के लोग उपस्थित हुए।