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कोरोना की दूसरी लहर में एसएनएमएमसीएच में 696 बच्चों का जन्म

जिला में कोरोना की दूसरी लहर में बेपटरी स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण आम लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। अप्रैल और मई में जब निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे थे तब जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएनएमएमसीएच में 696 बच्चों ने जन्म लिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 06:05 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 06:05 AM (IST)
कोरोना की दूसरी लहर में एसएनएमएमसीएच में 696 बच्चों का जन्म
कोरोना की दूसरी लहर में एसएनएमएमसीएच में 696 बच्चों का जन्म

जासं, धनबाद : जिला में कोरोना की दूसरी लहर में बेपटरी स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण आम लोगों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा। अप्रैल और मई में जब निजी अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे थे, तब जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एसएनएमएमसीएच में 696 बच्चों ने जन्म लिया। वहीं जनवरी 2021 से मई 2021 के बीच अस्पताल में कुल 1955 बच्चों का जन्म हुआ है। इसमें 1096 लड़कों ने जन्म लिया, जबकि 859 लड़कियों ने जन्म लिया। बता दें कि अस्पताल में जननी शिशु सुरक्षा योजना के तहत प्रसव कराए जाते हैं। प्रसव के बाद प्रसूता को 14 सौ रूपये प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है। अस्पताल तक लाने वाले सहिया को भी दो सौ रुपये मिलते हैं। धनबाद में अप्रैल का महीना सबसे ज्यादा परेशानी वाला था। एक ओर कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा लोगों की जान गई। इलाज के लिए जिले के तमाम निजी अस्पतालों ने हाथ खड़े कर रखे थे। ऐसे सरकारी अस्पताल में सबसे ज्यादा प्रसव हुए। इसमें अधिकांश महिलाएं गांव देहात की थीं।

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विभागीय आंकड़े की माने तो अस्पताल में जनवरी महीने में सबसे ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ है। इसमें 242 बच्चों ने जन्म लिया है, जबकि 189 बच्चियों ने जन्म लिया है। हालांकि अप्रैल और मई में अस्पताल में बच्चों के जन्म कुछ कम हुए। इसके पीछे कोरोना की दूसरी लहर बताई जा रही है। दूसरी ओर, धनबाद में लाख कोशिश के बाद भी लिगानुपात के मामले में लगातार कमी बरकरार है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ आंदोलन चलने का भी असर नहीं दिख रहा है। जिले में लिगानुपात 908 है। किस माह कितना जन्म

माह बच्चा बच्ची

जनवरी 242 191

फरवरी 207 188

मार्च 242 189

अप्रैल 215 131

मई 210 140 कोट

कोरोना संक्रमण के दौरान हमने आपात सेवाएं जारी रखी। सभी जगहों से मरीज एसएनएमएमसीएच रेफर हो रहे थे। ऐसे में संसाधन के अनुसार हमने सेवाएं दी। अस्पताल में प्रसव होने पर प्रसूता को प्रोत्साहन राशि भी सरकार देती है।

डॉ. एके चौधरी, अधीक्षक, एसएनएमएमसीएच।


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