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चूहों को भी चाहिए एसी कोच, वो भी बेरोक-टोक

पिछले एक साल में 508 चूहों ने एसी कोच में यात्रा की है। चौंकिए मत, यह आंकड़ा खुद रेलवे बता रही है।

By Edited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 06:15 AM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 02:35 PM (IST)
चूहों को भी चाहिए एसी कोच, वो भी बेरोक-टोक
चूहों को भी चाहिए एसी कोच, वो भी बेरोक-टोक

धनबाद, तापस बनर्जी। ट्रेन से एसी कोच में सफर करना हर यात्री को अच्छा लगता है, पर इस मामले में चूहे के शौक भी कम नहीं हैं। जी हां, ठंडा-ठंडा सफर चूहे को शायद कुछ ज्यादा ही पसंद है। और अगर इस यात्रा में पैंट्री कार के लजीज व्यंजन भी मिल जाएं, तो सोने पर सुहागा। तभी तो पिछले एक साल में 508 चूहों ने एसी कोच में यात्रा की है। चौंकिए मत, यह आंकड़ा खुद रेलवे बता रही है। सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में रेलवे ने जानकारी दी है कि पिछले वित्तीय वर्ष में धनबाद से खुलने वाली ट्रेनों के एसी कोच में 508 चूहे पकड़े गए।

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पेस्ट कंट्रोल को 35.03 लाख का टेंडर पेस्ट कंट्रोल के लिए रेलवे ने 35.03 लाख का टेंडर दिया है। छह नवंबर 2015 से पांच नवंबर 2018 तक तीन साल के लिए यह टेंडर जारी किया गया है। मध्य प्रदेश के रतलाम की कंपनी पकड़ रही चूहे धनबाद की ट्रेनों में चूहे पकड़ने की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश के रतलाम की एक कंपनी को दी गई है। मेसर्स शताब्दी पेस्ट कंट्रोल ने पिछले वित्तीय वर्ष यानी एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 तक 508 चूहे पकड़े हैं।

रेलवे के पास पैसेंजर फीडबैक सिस्टम नहीं धनबाद से खुलने वाली ट्रेनों में पेस्ट कंट्रोल की व्यवस्था तो कर दी गई है, पर इससे जुड़ी शिकायतों के लिए कोई बंदोबस्त नहीं है। चूहों से जुड़ी कितनी शिकायतें मिली हैं, इससे जुड़ा कोई आंकड़ा भी रेलवे के पास नहीं है। रेलवे ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पेस्ट कंट्रोल कंपनी से हुए करार के तहत पैसेंजर फीडबैक सिस्टम जैसी कोई व्यवस्था उनके पास नहीं है। एसी कोच में पांच तो पैंट्री कार में छह ग्लू बोर्ड चूहे पकड़ने के लिए रेलवे ग्लू बोर्ड का इस्तेमाल करती है। प्रत्येक एसी कोच में जहां पांच, वहीं पैंट्री कार में छह ग्लू बोर्ड रखे जाते हैं।

जानें, आखिर क्या है ग्लू बोर्ड ग्लू बोर्ड यानी चिपकने वाला जाल चूहे के नियंत्रण के बेहतर तरीकों में से एक है। एसी कोच में सीट के नीचे व पैंट्री कार में ग्लू बोर्ड रखे जाते हैं। उछल-कूद के दौरान अगर चूहे इस बोर्ड के ऊपर पहुंचे तो चिपक जाते हैं, जिससे मुक्त होना मुमकिन नहीं होता। हालांकि चिपके चूहे को समय पर नहीं निकाला गया, तो पूरे कोच में बदबू फैल जाती है।

धनबाद से खुलने वाली इन ट्रेनों में पेस्ट कंट्रोल की व्यवस्था
13307 08 गंगा-सतलज एक्सप्रेस
13351 52 धनबाद-अलेप्पी एक्सप्रेस
13329 30 गंगा-दामोदर एक्सप्रेस
13331 32 धनबाद-पटना एक्सप्रेस
13301 02 धनबाद-टाटा स्वर्णरेखा
13303 04 धनबाद-रांची इंटरसिटी
13305 06 धनबाद-गया इंटरसिटी
22387 88 धनबाद-हावड़ा ब्लैक डायमंड
53324 53334 धनबाद-सिंदरी टाउन पैसेंजर।


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