5 लाख का इनामी नक्सली Gandhi का आत्मसमर्पण ! सहयोगी माओवादियों का राज जानने के लिए गिरिडीह पुलिस ने साधी चुप्पी
नुनूचंद महतो ने पूर्व में भाकपा माओवादी से बगावत कर दिया था। उस पर लेवी के पैसे एवं हथियार लेकर भागने का आरोप था। गिरिडीह एवं धनबाद के सीमांचल इलाकों में उसने कुछ दिनों तक समानांतर संगठन चलाया था। इस कारण वह पुलिस एवं नक्सली दोनों से वांटेड था।
गिरिडीह, जेएनएन। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सब जोनल मेंबर व पांच लाख रुपये के इनामी नुनूचंद महतो उर्फ गांधी ने नाटकीय तरीके से शुक्रवार की शाम पीरटांड़ थाना में सरेंडर कर दिया है। सरेंडर करने के बाद पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। वह पीरटांड़ प्रखंड के बदगंवा पंचायत के भेलवाडीह गांव का रहने वाला है। पुलिस इस संबंध में अभी कुछ भी बताने से इंकार कर रही है। पुलिस दो-तीन दिनों के बाद इस मामले में बयान दे सकती है। फिलहाल एसपी अमित रेणु के नेतृत्व में पुलिस पदाधिकारी नुनूचंद से पूछताछ में जुटे हैं।
बगावत कर गिरिडीह और धनबाद के सीमाक्षेत्र में चलाया समानांतर संगठन
नुनूचंद महतो ने पूर्व में भाकपा माओवादी से बगावत कर दिया था। उस पर लेवी के पैसे एवं हथियार लेकर भागने का आरोप था। गिरिडीह एवं धनबाद के सीमांचल इलाकों में उसने कुछ दिनों तक समानांतर संगठन चलाया था। इस कारण, वह पुलिस एवं नक्सली दोनों से वांटेड था। इससे बचने के लिए वह काफी दिनों से पुलिस के समक्ष सरेंडर करने की कोशिश कर रहा था। बाद में उसे संगठन में वापस ले लिया गया था।
कोरोना संक्रमित होने की चर्चा
बीमार चल रहा था। उसके कोरोना संक्रमित होने की भी बात सामने आई थी। इस संबंध में संपर्क करने पर एएसपी ऑपरेशन गुलशन तिर्की ने किसी भी तरह की जानकारी होने से इंकार किया। विदित हो कि नुनूचंद पूर्व में कई बार पुलिस से मुठभेड़ में भागने में सफल रहा था। एक बार पीरटांड़ एवं टुंडी के बोर्डर पर वह पुलिस के हाथ आते-आते बच गया था। फायरिंग कर वह भागने में सफल रहा था। सरकार उसके आवास को जब्त कर चुकी है।