पांच हजार रुपये देकर कुसुम का इंतजार कर रहे धनबाद के 350 किसान
जी हांयह सच है कि जिले के 350 किसान कुसुम का इंतजार कर रहे हैं। अक्टूबर 2019 में ही किसानों को कुसुम से मिलना था लेकिन एक साल बीतने के बाद भी कुसुम का दीदार नहीं हो सका है।
बलवंत कुमार, धनबाद : जी हां,यह सच है कि जिले के 350 किसान कुसुम का इंतजार कर रहे हैं। अक्टूबर 2019 में ही किसानों को कुसुम से मिलना था, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी कुसुम का दीदार नहीं हो सका है। जबकि किसानों ने इसे पाने के लिए पांच-पांच हजार रुपये भी सरकार के खाते में जमा कर दिए, लेकिन अभी तक न तो कुसूम मिली और ना ही खेतों की प्यास बुझी। दरअसल, कुसुम केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त योजना है, जिसके तहत किसानों को अनुदानित दर पर सोलर मोटर पंप दिया जाना था। इस मामले को लेकर तोपचांची के किसान विष्णु दुबे ने बताया कि सरकार के प्रावधानों के अनुसार उन्होंने आवेदन के साथ राशि भी जमा कर दी, लेकिन आज तक उनके खेत में पंपसेट नहीं लग पाया। ऐसी स्थिति प्रखंड समेत पूरे जिले के किसानों की है। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर बार-बार कृषि विभाग से आग्रह भी किया जा रहा है, लेकिन विभाग भी केवल आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं कर पा रही है। यही स्थिति रही तो आने वाले गर्मी के दिनों में किसान अपनी खेती भी नहीं कर पाएंगे।
यह थी कुसुम योजना : नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय कृषक ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान यानी कुसुम के तहत झारखंड के किसानों के बीच सिचाई कार्य के लिए सोलर पंप सेट का वितरण किया जाना था। इसके तहत धनबाद जिले में 350 किसानों को एक-एक पंप सेट दिया जाना था। किसानों के खेतों में सोलर पंप लगाने की जिम्मेवारी झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी यानी जेआरईडीए को करनी थी। एजेंसी को किसानों की आवश्यकता अनुसार दो, तीन अथवा पांच हार्स पावर का मोटर पंप लगाना था। इसमें किसानो को अलग-अलग पंप सेट के लिए अपनी ओर से क्रमश: पांच हजार, सात हजार तथा दस हजार रुपये एजेंसी के खाते में जमा करने थे। धनबाद जिला के किसानों ने यह राशि चेक के माध्यम से जमा भी कर दी, लेकिन अब भी उन्हें कुसुम का इंतजार है।