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इंटक के सत्याग्रह में भरी हुंकार, निकाली भड़ास

धनबाद : इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ ने 35 सूत्री मागों को लेकर बुधवार को बीसीस

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Dec 2018 07:03 AM (IST)Updated: Thu, 20 Dec 2018 07:03 AM (IST)
इंटक के सत्याग्रह में भरी हुंकार, निकाली भड़ास
इंटक के सत्याग्रह में भरी हुंकार, निकाली भड़ास

धनबाद : इंटक से संबद्ध राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ ने 35 सूत्री मागों को लेकर बुधवार को बीसीसीएल मुख्यालय कोयला भवन पर सत्याग्रह किया। तीन राज्यों में मिली कांग्रेस की जीत पर इंटक के कार्यकर्ताओं में जोश देखने को मिल रहा था। सभी ने आंदोलन के बहाने केंद्र व कोल इंडिया प्रबंधन पर जमकर भड़ास निकाली, साथ ही भारतीय मजदूर संघ पर भी प्रबंधन के साथ मिलकर मजदूर विरोधी काम करने का आरोप लगाया। अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री मन्नान मल्लिक ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन मजदूरों की सुविधाओं में लगातार कटौती कर रहा है। मजदूरों को समझौते के अनुसार लाभ नहीं मिल रहा है। प्रबंधन की कथनी व करनी में अंतर है। भाजपा सरकार की क्या मंशा है, जनता समझ गई है और इसका जबाव देना शुरू भी कर दिया है।

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सत्याग्रह धरना के बाद संघ के प्रतिनिधियों की ओर से बीसीसीएल प्रबंधन को श्रमिकों की समस्याओं से संबंधित मांग पत्र सौंपी गई। संघ के महासचिव एके झा ने प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि वेतन समझौते का प्रबंधन अक्षरश: पालन नहीं कर रहा है। ग्रेच्यूटी में कटौती की जा रही है। मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। श्रमिकों को आवास की बेहतर सुविधा नहीं दी जा रही है। रिटायर कर्मियों को भुगतान लेने के लिए प्रबंधन दौड़ा रहा है। मेडिकल सुविधा भी नहीं दी जा रही है। नियोजन की प्रक्रिया बंद है। वहीं, उपाध्यक्ष सुरेशचंद्र झा ने केंद्र की भाजपा सरकार पर कोयला उद्योग का निजीकरण करने का आरोप लगाया है।

संयुक्त महासचिव वीरेंद्र प्रसाद अंबष्ठ ने कहा कि कोल सेक्टर के मजदूरों को भाजपा सरकार में क्या मिला है, उन्हें स्वयं आकलन करने की जरूरत है। वेतन समझौता से लेकर जो सुविधाएं मिल रही थी, उसमें भी कटौती की गई है। कोषाध्यक्ष संतोष महतो, केबी सिंह, मिथिलेश सिंह, रामप्रीत यादव, केपी सिंह, सुरेंद्र यादव,एसके शाही, लगनदेव यादव, पीएन तिवारी, मोउद्दीन अंसारी, संजय सिंह, संगीता तिवारी, कयूम खान, इकराम अंसारी, लाल देव राम, शंकर कोयरी, रामवृक्ष यादव, पंकज मिश्रा, एसके राय, नगीना राय, कालीपद रवानी, कमलेश्वरी झा, रणधीर ठाकुर, शकील अहमद, मुस्लिम अंसारी आदि मुख्य रूप से शामिल थे। प्रबंधन को सौंपी गई प्रमुख मांगें

- मेडिकल अनफिट कामगारों का मेडिकल बोर्ड जो पिछले18 माह से बंद है, उसे चालू किया जाए।

- आउटसोर्सिग ठेका श्रमिक जो स्थायी प्रवृति के कार्य में बीसीसीएल के अधीन कार्यरत हैं, उन्हें स्थाई श्रमिक को वेतन बोनस एवं अन्य सुविधा दिया जाए।

- बंद भूमिगत खदान को कोयला उत्पादन की बढ़ोतरी के लिए राष्ट्रीय हित में तुंरत चालू किया जाए।

- बीसीसीएल में करीब 30 हजार श्रमिक वर्षो से नियमित रूप से ट्रक लोडिंग का कार्य कर अपनी जीविका चल रहे हैं, इनका पीएफ व पेंशन व वेतन भुगतान बैंक से किया जाए।

- सेवा मुक्त कामगार को बीस लाख ग्रेच्यूटी भुगतान की व्यस्था जनवरी 2017 से लागू की जाए।

- बीसीसीएल केंद्रीय अस्पताल को राष्ट्रीय स्तर पर सभी सुविधाओं के साथ सभी व्यवस्था की जाए।

- मेडिकल सुविधा के नाम पर प्रतिमाह दो हजार की कटौती बंद की जाए।

- सेवा मुक्त श्रमिक मेडिकल सुविधा के लिए 40 हजार रुपये की मेडिकल सुविधा तुरंत दी जाए।

- दसवें वेतन समझौता के बकाए एवं भुगतान किए गए एरियर का पूर्ण विवरण प्रत्येक श्रमिक को मुहैया किया जाए।

- 55 व 58 वर्षीय फीमेल वीआरएस के तहत आवेदित सभी महिला कामगारों के बच्चों को नौकरी दी जाए।


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