पहले नेशनल एथलेटिक्स में मो सरफराज ने लहराया परचम
जासं झरिया वर्ष 1990 से 2001 के बीच 11 वर्षों तक नेशनल एथलेटिक्स के खिलाड़ी रहे। इस दौरान
जासं, झरिया : वर्ष 1990 से 2001 के बीच 11 वर्षों तक नेशनल एथलेटिक्स के खिलाड़ी रहे। इस दौरान एक सौ, दो सौ मीटर दौड़ और आठ सौ मीटर की बाधा दौड़ में कई राष्ट्रीय पदक अपने नाम किए। अब लड़के व लड़कियों को नेशनल एथलेटिक्स का खिलाड़ी बनाने में शिद्दत से लगे हैं। उन्हें निश्शुल्क दौड़ का प्रशिक्षण दे रहे हैं। हम बात कर रहे हैं धनबाद शमशेर नगर में रहने वाले 47 वर्षीय मो सरफराज खान की। वर्ष 2001 में रांची में आयोजित नेशनल एथलेटिक्स प्रतियोगिता की सौ मीटर की दौड़ में भाग लेने के बाद सरफराज ने एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं को अलविदा कह दिया। अब धनबाद के लड़के व लड़कियों को प्रशिक्षण देकर नेशनल एथलेटिक्स की दौड़ प्रतियोगिता में भेजने के लिए शिद्दत से जुटे हैं। सरफराज ने कहा कि वर्ष 1990 में दौड़ प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया। वर्ष 1991 में कटक में आयोजित सौ मीटर नेशनल एथलेटिक्स प्रतियोगिता में ब्रांच मेडल हासिल किया। 1992 में कर्नाटक में आयोजित नेशनल एथलेटिक्स दौड़ प्रतियोगिता के फाइनलिस्ट रहे। 1994 में केरल में आयोजित आल इंटर यूनिवर्सिटी दौड़ प्रतियोगिता में आठवां स्थान प्राप्त किया। 1995 में चंडीगढ़ में आयोजित आल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी के फाइनलिस्ट रहे। 1996 में जयपुर में आयोजित नेशनल एथलेटिक्स प्रतियोगिता के फाइनललिस्ट में क्वालीफाई किया। 2001 तक राष्ट्रीय दौड़ प्रतियोगिताओं में भाग लेकर परचम लहराते रहे। इस दौरान कई पदक हासिल किया।
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धनबाद के बच्चों को अब दौड़ का दे रहे प्रशिक्षण
मो. सरफराज ने कहा कि कई वर्षों से धनबाद के लड़के व लड़कियों को पालीटेक्निक मैदान में दौड़ने का प्रशिक्षण देकर उन्हें राष्ट्रीय दौड़ प्रतियोगिताओं मे भेजने में लगे हैं। वर्तमान समय में धनबाद जिले के 24 लड़के व लडकियों को दौड़ का प्रशिक्षण दे रहे हैं। अनेक राज्य व राष्ट्रीय दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेकर कई पदक भी हासिल किए हैं।
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खेल की बदौलत कई खिलाड़ियों को मिली सरकारी नौकरी
एक दशक से भी अधिक समय तक एथलेटिक्स के नेशनल खिलाड़ी रहे मो सरफराज से दौड़ का प्रशिक्षण पाकर 10 खिलाड़ी राज्य और स्टेट और नेशनल प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पदक हासिल करने के बाद आर्मी और सरकारी नौकरी में अभी सेवा दे रहे हैं। कई खिलाड़ियों को खेल की बदौलत ही सरकारी नौकरी मिली हैं।
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धनबाद में खेल मैदानों की दुर्दशा पर सरफराज ने जताया अफसोस :
नेशनल एथलेटिक्स के खिलाड़ी रहे मो सरफराज धनबाद में खेल मैदानों की दुर्दशा पर अफसोस जताया है। कहा कि खिलाड़ियों को पालीटेक्निक मैदान में वर्षों से दौड़ का प्रशिक्षण दे रहे हैं, लेकिन यहां के मैदान की हालत ठीक नहीं है। धनबाद में अगर मैदान चकाचक रहे तो यहां से अनेक खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचकर पदक हासिल कर सकते हैं।