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Heavy Rain Effect: बीसीसीएल की भूमिगत खदानों में लोअर सीम से खनन पर रोक, अपर सीम से ही निकलेगा कोयला

Heavy Rain Effect भारी बारिश को लेकर पूरे मानसून के दौरान के लिए कंपनी ने सभी कोलियरियों व माइंस रेस्क्यू को अलर्ट मोड में रखा है। खदान से मुख्यालय स्तर तक कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं जो बारिश की स्थिति पर नजर रखती है।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 01:01 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 01:11 PM (IST)
Heavy Rain Effect: बीसीसीएल की भूमिगत खदानों में लोअर सीम से खनन पर रोक, अपर सीम से ही निकलेगा कोयला
पोखरिया खदान में जमा बारिश का पानी ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। शुक्रवार को हुई भारी बारिश से बीसीसीएल का कोयला उत्पादन व डिस्पैच कार्य भी प्रभावित हुआ। सुबह से ही जारी बारिश के कारण हर शिफ्ट का काम प्रभावित हुआ। कंपनी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कंपनी का दैनिक उत्पादन लक्ष्य जहां 74.1 हजार टन रखा गया है वहीं शुक्रवार को उत्पादन मात्र 21.0 हजार टन ही हो सका। हालांकि औसत उत्पादन 70 हजार टन के आसपास प्रतिदिन होता रहा है। यही हाल डिस्पैच का भी रहा। 76.1 हजार टन डिस्पैच के लक्ष्य के मुकाबले मात्र 46.9 हजार टन कोयला का ही डिस्पैच हो सका। हालांकि उत्पादन के मुकाबले यह कुछ ठीक है लेकिन अन्य दिनों की अपेक्षा बिल्कुल आधा ही है। ओवरबर्डेन हटाने का काम तो लगभग न के बराबर ही हुआ। दैनिक लक्ष्य 315.8 हजार क्यूबिक मीटर के मुकाबले मात्र 33.7 क्यूबिक मीटर ओबी ही हटाया जा सका।

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सुरक्षा को लेकर अलर्ट

भारी बारिश को लेकर पूरे मानसून के दौरान के लिए कंपनी ने सभी कोलियरियों व माइंस रेस्क्यू को अलर्ट मोड में रखा है। खदान से मुख्यालय स्तर तक कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं जो बारिश की स्थिति पर नजर रखती है। भूमिगत खदानों के अपर सीम से ही उत्पादन करने को कहा गया है। अंदरूनी सीम से उत्पादन रोक दिया गया है। खुली खदानों में भी शुक्रवार को बारिश शुरू होते ही भारी मशीनों को खदान से बाहर निकाल लिया गया है। इस वजह से कोयला व ओबी उत्पादन में व्यापक कमी आई। इसका असर शनिवार को भी देखा गया है।

135.80 एमएम हुई बारिश

शनिवार सुबह छह बजे से पहले तक 135.80 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है। इस महीने 382.20 एमएम बारिश होने की संभावना जताई गई है। वहीं पूरे वर्ष में 868.40 एमएम बारिश की संभावना जताई गई है। यह पिछले वर्ष के मुकाबले अधिक है। पिछले वर्ष 31 जुलाई को मात्र 3.00 मिमी बारिश हुई थी। वहीं पूरे वर्ष में 781.30 मिमी बारिश रिकार्ड की गई थी।


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