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धनबाद के रचित पहुंच गए इंडियन प्रो म्यूजिकल लीग के फाइनल में, आपका एक Miss Call बना सकता विजेता; जल्दी करें

Zee TV reality talent show Indian Pro Musical League पांच साल की उम्र में रचित को संगीत से प्यार हो गया। अक्सर मधुर गीत गुनगुनाते थे। चाचा न3 रचित के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने का निश्चय किया और उसे स्थानीय संगीत शिक्षक दिवंगत मुन्ना से शिक्षा-दीक्षा कराई।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 01:33 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 05:53 PM (IST)
धनबाद के रचित पहुंच गए इंडियन प्रो म्यूजिकल लीग के फाइनल में, आपका एक Miss Call बना सकता विजेता; जल्दी करें
प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर के साथ धनबाद के रचित अग्रवाल।

जागरण संवाददाता, धनबाद। आज से कुछ वर्ष पहले धनबाद के म्यांग चांग रियलिटी म्यूजिक शो इंडियन आइडल के फाइनल में पहुंचे थे। एक बार फिर से वही दौर आ गया है। पुराना बाजार के रचित अग्रवाल ज़ी टीवी के रियलिटी टैलेंट शो इंडियन प्रो म्यूजिकल लीग के फाइनल में पहुंच चुके हैं। इन्हें जिताने के लिए बस अब आपके वोट की जरूरत है। आज रात 12 बजे तक अगर आप रचित अग्रवाल को विजेता बनते हुए देखना चाहते हैं तो वोट जरूर करें। रचित ने इंटरनेट मीडिया पर अपना वीडियो शेयर किया है। यह भी बताया है कि उनकी टीम मुंबई वारियर्स फाइनल में पहुंच चुकी है। आज रात 12 बजे तक आप अपने मोबाइल से 9930000327 पर मिस कॉल करें। 12 बजे के बाद वोटिंग लाइन बंद हो जाएगी। पुराना बाजार चेंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता सोहराब खान समेत बहुत से लोगों ने रचित को जिताने के लिए वोटिंग की अपील की है।

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कैलाश खेर की टीम में शामिल हैं रचित

रचित पुराना बाजार के रहने वाले व्यवसायी रतन अग्रवाल के पुत्र हैं। पिता का कहना है कि क्रिकेट आइपीएल की तरह ही यह देश का पहला शो है। वोटिंग के जरिए रचित इस शो का विजेता बन सकता है। उन्होंने लोगों से वोटिंग करने की अपील की है। रचित इस शो का विजेता बन सकता है, अगर लोग उन्हें मिस्डकॉल के जरिए वोट करें। रचित के स्वजन ने लोगों से वोट करने की अपील की है। इस शो में रचित प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर की टीम में शामिल हैं। 

पांच साल की उम्र में संगीत से हो गया था प्यार

पांच साल की उम्र में रचित को संगीत से प्यार हो गया। अक्सर मधुर गीत गुनगुनाते थे। चाचा न3 रचित के अंदर छिपी प्रतिभा को निखारने का निश्चय किया और उसे स्थानीय संगीत शिक्षक दिवंगत मुन्ना से शिक्षा-दीक्षा कराई। आठ साल की उम्र में रचित ने पहला गाना रेलवे क्लब में गाया था। उनके भाई मोहित ने बताया कि आने पहले गीत लागा चुनरी में दाग से सबका मन मोह लिया। इसके बाद यह सिलसिला लगातार चलता रहा। रचित की बढ़ते कदम को देखकर मां अनिता अग्रवाल और बहन तनु काफी खुश हैं। मां कहती है कि इसी तरह वह आगे बढ़ते रहे, हमारी दुआएं रचित के साथ है।


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