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Elephant Baby Rescue: इस तरह चला हाथी के बच्चे को बचाने का अभियान, 15 घंटे बाद कुएं से निकला सुरक्षित

Elephant Baby Rescue जेसीबी मशीन लाई गई। इसके माध्यम से कुआं से 50 फीट दूर से रैंप बनाया जाने लगा। रैंप बनाने के बाद कुआं को तोड़कर हाथी के बच्चे को निकाला गया। हाथी का बच्चा कुआं से निकलने के बाद उपस्थित सैकड़ों लोग उसके पीछे-पीछे दौड़ने लगे।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 05:39 PM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 07:55 PM (IST)
Elephant Baby Rescue: इस तरह चला हाथी के बच्चे को बचाने का अभियान, 15 घंटे बाद कुएं से निकला सुरक्षित
कुएं से बाहर निकलता हाथी का बच्चा ( फोटो जागरण)।

सरिया, जेएनएन। सरिया थाना क्षेत्र के नीमाटांड गांव में रविवार रात कुआं में गिरे हाथी के बच्चा को वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर 15 घंटा बाद सही सलामत निकाल लिया। रविवार रात करीब 10 बजे हाथियों का झुंड नीमाटांड़ गांव पहुंच गया। हाथी खेतों में लगी जेठुआ फसल को बर्बाद करने लगे। जानकारी मिलने पर गांव के लोग अलाव जलाकर व टीना पीटकर हाथियों को भगाने का प्रयास करने लगे। इसी बीच हाथी का एक बच्चा बगल में स्थित महावीर यादव के कुआं में गिर गया। कुआं की गहराई 30 फीट बताई जाती है।

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ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन क्षेत्र पदाधिकारी अभय कुमार सिन्हा सदल बल घटना स्थल पर पहुंचे और हाथी के बच्चे को निकालने के प्रयास में जुट गए। रात में उसे निकाल पाना संभव नहीं हो पाया। सोमवार सुबह तीन जेसीबी मशीन को बुलाया गया। इसके माध्यम से कुआं से 50 फीट दूर से रैंप बनाया जाने लगा। रैंप बनाने के बाद कुआं को तोड़कर हाथी के बच्चे को निकाला गया। हाथी का बच्चा कुआं से निकलने के बाद उपस्थित सैकड़ों लोग उसके पीछे-पीछे दौड़ने लगे। इससे भयभीत हाथी का बच्चा पीछे दौड़ रहे लोगों पर हमला करने को दौड़ पड़ा। लोगों को आफत छूट गई। कई बाइक को हाथी के बच्चे ने तोड़ दिया। कुछ पत्रकारों की बाइक को भी क्षति पहुंची है।

हाथी के बच्चे देखने के लिए कुआं के पास पहुंची सैकड़ों लोगों की भीड़ को संभालने में भी पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। फिलहाल हाथी का बच्चा गांव के आसपास दौड़ रहा है। इससे ग्रामीणों में भय है। वन विभाग की टीम हाथी के बच्चे के झुंड में शामिल करने का प्रयास कर रही है। इस कार्य में थाना प्रभारी सनी सुप्रभात, पुअनि लव कुमार, सैट के जवान, वन क्षेत्र पदाधिकारी अभय कुमार सिन्हा, वन परिसर पदाधिकारी पुरुषोत्तम पांडेय, उप वन परिसर पदाधिकारी कुंदन कुमार, हरिशंकर प्रसाद, उदय केसरी आदि का योगदान रहा।


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