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पेलोडर लोडिग को लेकर डीओ होल्डर व लोकल सेल मजदूर आमने-सामने

संवाद सहयोगी बरोरा आरओएम के डीओ में पेलोडर लोडिग को लेकर मुराईडीह कोलियरी प्रब

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 11:12 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 11:12 PM (IST)
पेलोडर लोडिग को लेकर डीओ होल्डर व लोकल सेल मजदूर आमने-सामने
पेलोडर लोडिग को लेकर डीओ होल्डर व लोकल सेल मजदूर आमने-सामने

संवाद सहयोगी, बरोरा: आरओएम के डीओ में पेलोडर लोडिग को लेकर मुराईडीह कोलियरी प्रबंधन और लोकल सेल के मजदूर आमने-सामने आ गए। एक ओर जहां प्रबंधन आरओएम डीओ यानी वाशरी फोर व फाइव ग्रेड के ई ऑक्शन कोयले की लोडिग पेलोडर से कराने की जिद पर अड़ा हुआ है, वहीं डीओ धारक व मजदूर इसका विरोध करते हुए मैनुअल लोडिग की मांग को लेकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है। पेलोडर लोडिग का विरोध करने वाले के रुख को देखते हुए मुराईडीह के पीओ पीयुष किशोर ने शुक्रवार को परियोजना कार्यालय में लोकल सेल मजदूर प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। मुराईडीह प्रबंधन ने साफ तौर पर हरहाल में आरओएम डीओ के कोयले की लोडिग पेलोडर के माध्यम से होने की बात कही, जबकि लोकल सेल मजदूर प्रतिनिधि ने प्रबंधन की बातों पर सहमत नहीं हुए। घंटों चली यह बैठक बेनतीजा रही। मजदूर पेलोडर लोडिग के खिलाफ पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शनिवार को मुराईडीह डंप पर आंदोलन करने का तैयारी कर चुके हैं। जबकि बैठक के बाद प्रतिनिधियों ने कोल डंप के मजदूरों को मुराईडीह प्रबंधन की मंशा से अवगत कराते हुऐ आगे की रणनीति तैयार करने की बात कही।

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क्या है मामला

बीसीसीएल द्वारा अपनी कोयले की गुणवत्ता के आधार पर कोयला का कई तरह का ग्रेड बनाया गया है। कोयले के ग्रेड के आधार पर कंपनी कोयले का बाजार मूल्य तय करती है। अलग अलग ग्रेड के कोयले को ई ऑक्शन के माध्यम से बाजार में बेचा जाता है। वाशरी फोर व फाईव ग्रेड वाली कोयले को आरओएम के नाम से जाना जाता है। यह कोयला सीधे माइंस से निकाल कर कोल डंप पर लाया जाता है। जहां से उस कोयले को यथास्थिति मे मशीन से उठाकर गाड़ियों में लोड कर डीओ होल्डर ले जाते हैं। ऐसी परिस्थिति में कोयला में पत्थरों का मिश्रण होना स्वाभाविक है। पेलोडर लोडिग होने पर ग्रेड और मूल्य के अनुसार कोयले की गुणवत्ता कमजोर हो जाती है। इसके कारण डीओ होल्डर पेलोडर लोडिग नहीं चाहते हैं। मैनुअल लोडिग की अवस्था में मजदूर पत्थरों को चुनकर अलग कर देते हैं और गाड़ियों मे अच्छी गुणवत्ता वाली कोयला लोड करते हैं। नियमों के अनुसार कोयले को चुनकर लोड करने की स्थिति में कोयले का ग्रेड वाशरी 3 हो जाता है। जो वाशरी 4 व 5 के कीमतों से कहीं ज्यादा है। ऐसी स्थिति में बीसीसीएल प्रबंधन द्वारा आरओएम डीओ में पेलोडर लोडिग के जगह मैनुअल लोडिग का आदेश देना प्रबंधन के लिए गले में हड्डी फंसाने जैसी हालत है। आब देखना यह है कि आखिर ऊंट किस करवट बैठता है।


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