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नार्थ तिसरा में ट्रांसपोर्टिग का मार्ग बदलने के विरोध मे डीओधारकों ने किया प्रदर्शन

संस अलकडीहा नॉर्थ तिसरा चेकपोस्ट बंद करने एवं ट्रांसपोर्टिंग का मार्ग बदलने के विरोध में

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 05:09 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 07:36 PM (IST)
नार्थ तिसरा में ट्रांसपोर्टिग का मार्ग बदलने के विरोध मे डीओधारकों ने किया प्रदर्शन
नार्थ तिसरा में ट्रांसपोर्टिग का मार्ग बदलने के विरोध मे डीओधारकों ने किया प्रदर्शन

संस, अलकडीहा : नॉर्थ तिसरा चेकपोस्ट बंद करने एवं ट्रांसपोर्टिंग का मार्ग बदलने के विरोध में डीओ धारकों ने शुक्रवार को कोयला उठाव नहीं किया। इसको लेकर शुक्रवार को हजारों टन कोयले का डिस्पैच नहीं हो सका। हालांकि शाम को प्रबंधन के साथ सकारात्मक वार्ता के बाद समाप्त हो गया है। शनिवार से कोयले की ट्रांसपोर्टिंग के लिए सभी वाहन सामान्य रूप से नार्थ तिसरा के रास्ते से होकर चेकपोस्ट से गुजरेगी। क्षेत्रीय कार्यालय में महाप्रबंधक और डीओ धारक के साथ हुई वार्ता में दोनों पक्षों के बीच चेकपोस्ट बंदी आदेश को निरस्त कर जर्जर सड़क की मरम्मत करने पर सहमति बनी है।

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मौके पर जीएम गोपाल दास निगम, विक्रय प्रबंधक अमित कुमार, पीओ पंकज कुमार यूनियन नेताओ में जमस संघ कुंती गूट के क्षेत्रीय सचिव संजीत सिंह, सुदर्शन प्रसाद, रविशंकर सिंह, बच्चा गुट के क्षेत्रीय सचिव मल्लू सिंह, अनिल सिंह, ट्रक मालिक व डीओ धारक बबलू अग्रवाल, मोहन पांडे, रवींद्र सिंह, अखिलेश सिंह थे।

चेकपोस्ट बंद करने व रास्ता के बदलने जाने के मुद्दे पर डीओधारकों व प्रतिनिधियों ने जमसं कुंती गुट के क्षेत्रीय सचिव संजीत सिंह के नेतृत्व में लोदना जीएम जीडी निगम के साथ जियलगोरा अस्पताल में वार्ता हुई। वार्ता में जीएम ने डीओ धारकों को कहा कि चेकपोस्ट बंद करने का जो आदेश निकला है उसे हर हाल में लागू किया जाएगा। कोयला डिस्पैच हो या ना हो, जीएम से वार्ता के बाद कोयला ट्रांसपोर्टर भड़क गए और जीएम के निर्णय का विरोध किया।

वार्ता के बाद डीओ धारकों व प्रतिनिधियों ने जीनागोरा कांटाघर पर जीएम के आदेश के विरोध में प्रदर्शन किया। डीओ धारक रविशंकर सिंह ने कहा कि कांटा घर से नॉर्थ तिसरा चेकपोस्ट तक सड़क की स्थिति दयनीय है। वाहन मालिकों ने सड़क को दुरुस्त करने की मांग प्रबंधन से की थी, लेकिन जीएम ने तो चेकपोस्ट को बंदकर रास्ता ही बदल दिया। चेकपोस्ट और रास्ता के बंद करने से वाहन मालिकों को नो एंट्री, ट्राफिक एवं रास्ते की दूरी समस्या उत्पन्न होगी। इससे ईंधन की खपत ज्यादा होगी तथा कोयला ढुलाई का फेरा भी कम लगेगा जिससे ट्रांसपोर्टरों को परेशानी होगी। प्रबंधन ने मांगें मान ली है।


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