तीनों कृषि कानून वापस ले सरकार : माकपा
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) 15 से 28 फरवरी तक सांप्रदायिकता के खिलाफ तथा लोकतंत्र की रक्षा के लिए मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ अभियान चला रही है। इसके तहत बुधवार को अंचलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया व सीओ को 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया।
जागरण संवाददाता, धनबाद : भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) 15 से 28 फरवरी तक सांप्रदायिकता के खिलाफ तथा लोकतंत्र की रक्षा के लिए मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ अभियान चला रही है। इसके तहत बुधवार को अंचलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया व सीओ को 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। मांग पत्र में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र में किसान विरोधी तीनों कानून वापस लिया जाए। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी दर्जा दिया जाए, नए लेबर कोड वापस लिए जाएं, वस्तु अधिनियम कानून में जमाखोरों को कानूनी छूट देने पर रोक लगाई जाए, पेट्रोल-डीजल व गैस की मूल्य वृद्धि पर रोक लगाई जाए। कोरोना महामारी में जो बेरोजगार हुए उनके खाते में कम से कम दस हजार रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाए। मनरेगा और शहरी विकास योजना के तहत इन लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के प्रावधानों के अनुसार विस्थापितों व उनके अधिकारों को सुनिश्चित किया जाए। सरकारी स्वास्थ्य सेवा केंद्र को बेहतर किया जाए तथा कोरोना वैक्सीन का टीका सभी को मुफ्त दिया जाए। महिलाओं के साथ बढ़ती हिंसा, बलात्कार तथा हत्या पर रोक लगाए जाने के मुद्दे को प्रमुखता से रखा गया। प्रदर्शन से पहले झारखंड मैदान धनबाद से एक रैली निकाली गई जो सड़क मार्ग से होते हुए सीधे अंचल कार्यालय पहुंच कर सभा में तब्दील हो गई। सभा में लोगों से अपील की गई कि इन्हीं जनविरोधी नीतियों को लेकर जिला केंद्र धनबाद में जिला परिषद मैदान से 26 फरवरी को सीपीआईएम की जिला स्तरीय विशाल रैली निकाली जाएगी। वक्ताओं में सीपीआईएम जिला सचिव सुरेश प्रसाद गुप्ता व राम कृष्णा पासवान थे। अध्यक्षता राम बालक ने की। लीलामय गोस्वामी, गौरी चेता, भारत भूषण, अरिदम विश्वास, सुरेश पासवान, आर पी महतो, शुभम बनर्जी, देवाशीष वैद्य, ओम प्रकाश, अनुज पासवान, केडी सिंह, अभिजीत हरि, अनिल कुमार सिन्हा आदि शामिल थे।