रैयती जमीन पर अवैध उत्खनन से मिलती मोटी रकम
संवाद सहयोगी निरसा सीबीआइ टीम के निर्देश पर ईसीएल सुरक्षा पदाधिकारी द्वारा रैयती जमीन पर
संवाद सहयोगी, निरसा : सीबीआइ टीम के निर्देश पर ईसीएल सुरक्षा पदाधिकारी द्वारा रैयती जमीन पर अवैध कोयला उत्खनन करवाने का मामला दर्ज करवाए जाने के बाद रैयत व अवैध कोयला उत्खनन करवाने वालों में हड़कंप मचा हुआ है। अवैध कोयला उत्खनन करवाने वालों के साथ-साथ जिन लोगों की जमीन पर अवैध उत्खनन हो रहा था उनके होश फाख्ता हो गए हैं। कोयला चोर अपने आकाओं से मामले को रफा-दफा करवाने की मिन्नतें करवा रहे हैं। मालूम रहे कि वर्ष 2019 में तत्कालीन थाना प्रभारी सुषमा कुमारी के कार्यकाल में जिनकी रैयती जमीन पर अवैध कोयला उत्खनन कार्य हो रहा था और जो अवैध उत्खनन कार्य में संलिप्त थे, उन सभी पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। निरसा पुलिस उन लोगों का भी रिकार्ड भी खंगाल रही है कि कहीं वे लोग दोबारा अवैध उत्खनन कार्य करवाने में संलिप्त तो नहीं हैं।
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रैयती जमीन पर ऐसे होता अवैध कोयला उत्खनन का खेल
कई रैयत ऐसे हैं जो स्वयं ही अपनी जमीन पर अवैध कोयला उत्खनन करवाते हैं। कई मामलों में अवैध कोयला उत्खनन करवाने वाले संचालक जमीन मालिक को प्रतिदिन के हिसाब से पैसे का भुगतान करते हैं। जमीन मालिक को पैसे मिल जाते हैं इसलिए वह कहीं किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं करता। कई मामलों में कोयला चोर दबंगई के साथ रैयत की जमीन पर अवैध उत्खनन स्थल बनाकर कोयला का उत्खनन करते हैं। थक हारकर जमीन मालिक अवैध कोयला उत्खनन कार्य करानेवाले संचालकों द्वारा जो भी रकम मिल जाती है उसे रख लेने में ही भलाई समझते हैं। जमीन मालिक द्वारा उनकी जमीन पर अवैध कोयला उत्खनन कार्य करने की शिकायत के बावजूद कोई कारगर कार्रवाई नहीं की जाती। इस कारण भी जमीन मालिक अवैध कोयला संचालकों की बात मानने को मजबूर हो जाते हैं।
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वन विभाग की जमीन पर भी होता अवैध उत्खनन
कोयला चोरों द्वारा खुदिया नदी के किनारे व वन विभाग द्वारा लगाए गए जंगल के बीच में अवैध उत्खनन स्थल बना कर व्यापक पैमाने पर कोयला उत्खनन का कार्य किया जाता है। अवैध कोयला उत्खनन कार्य के दौरान कोयला तस्कर सैकड़ों पेड़ों की बलि चढ़ा देते हैं। यह पर्यावरण के लिए भी काफी खतरनाक साबित हो रहा है।