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IFS Officer Shahid Alam बने जेद्दा में काउंसिल जनरल ऑफ इंडिया, ऐसे युवाओं से बदल रही वासेपुर की छवि

2010 में नई दिल्ली में आइएफएस अधिकारी की ट्रेनिंग पूरी की। शाहिद जब 2012-14 में भारतीय दूतावास कैरो में कार्यरत थे तब उन्होंने वहां अरबी भाषा का प्रशिक्षण लिया। 2014 से 2015 तक भारतीय दूतावास आबूधाबी में सेकंड सेक्रेटरी के तौर पर सेवा दी।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 01:47 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 01:47 PM (IST)
IFS Officer Shahid Alam बने जेद्दा में काउंसिल जनरल ऑफ इंडिया, ऐसे युवाओं से बदल रही वासेपुर की छवि
भारतीय विदेश सेवा के 2010 बैच के अधिकारी शाहिद आलम।

धनबाद [ आशीष सिंह ]। धनबाद के वासेपुर को लोगों ने फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर से जानना शुरू किया। लोगों के मानस पटल पर बैठ गया कि यहां खूब गैंगवार होता रहा है, लेकिन अब पहले जैसा माहौल नहीं रहा। वासेपुर की फिजा बदल रही है। यहां की प्रतिभाएं सिर्फ देश ही नहीं विदेश में भी अपना परचम लहरा रही हैं। इन्हीं में से एक नाम उभरा है, रहमत गंज वासेपुर के मो.शाहिद आलम का। 2010 बैच के आइएफएस अधिकारी शाहिद आलम को जेद्दा सऊदी अरब का काउंसिल जनरल ऑफ इंडिया का पदभार सौंपा गया है।

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विदेश मंत्रालय में कार्यरत थे शाहिद

शाहिद इससे पहले डिप्टी काउंसिल जनरल और हज काउंसिल रह चुके हैं। उन्होंने मोहम्मद नूर रहमान शेख की जगह ली है। विदेश मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। भारत के राजदूत डॉ. औसफ सईद ने भी इसकी पुष्टि की है। डॉ सईद ने अपने बयान में कहा कि मो.शाहिद आलम एक अच्छे इंसान हैं और यह जिम्मेवारी पूरी ईमानदारी के साथ निभाएंगे। इसके पहले मक्का में हज काउंसिल के तौर पर भी बेहतर काम कर चुके हैं। शाहिद आलम अभी तक विदेश मंत्रालय, नई दिल्ली में कार्यरत थे।

भूली में हुई प्रारंभिक शिक्षा

2010 में नई दिल्ली में आइएफएस अधिकारी की ट्रेनिंग पूरी की। शाहिद जब 2012-14 में भारतीय दूतावास कैरो में कार्यरत थे, तब उन्होंने वहां अरबी भाषा का प्रशिक्षण लिया। 2014 से 2015 तक भारतीय दूतावास आबूधाबी में सेकंड सेक्रेटरी के तौर पर सेवा दी। इसके बाद हज काउंसिल चुने गए। इनकी प्रारंभिक शिक्षा इंडियन स्कूल ऑफ लर्निंग भूली धनबाद से हुई है। मो. शाहिद आलम ने फोन पर बताया कि हमारी प्राथमिकता भारत की छवि को विश्वपटल पर बेहतर तरीके से पेश करना है। डॉ.शाहिद की पत्नी डॉ. शकीला खातून, पिता मो. शमीम मां निखत सलमा और भाई असीम रजा को शाहिद की इस सफलता पर गर्व है।


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