Baba Baidyanath Temple: अभी आम भक्तों के लिए बंद रहेगा बाबा मंदिर, देवघर प्रशासन को झारखंड सरकार के निर्देश का इंतजार
Baba Baidyanath Templeसुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार से पूछा कि पूरा देश खुल रहा है केवल मंदिर मस्जिद चर्च और दूसरे धार्मिक स्थल क्यों बंद हैं।
देवघर, जेएनएन। Baba Baidyanath Temple देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर को आम लोगों के दर्शन के लिए खोलने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से इसका प्रबंध करने को कहा है। अदालत ने कहा है कि कोरोना संकट काल में भीड़ न लगे, इसके लिए सीमित संख्या में दर्शन करने की व्यवस्था की सलाह दी है। इस दौरान अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि मंदिर में ई-दर्शन कराना दर्शन कराना नहीं होता है। कोर्ट ने कहा है कि दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को ई-टोकन जारी करना भी एक तरीका हो सकता है। हालांकि इसके बाद बी देवघर जिला प्रशासन फिलहार यथास्थिति बहाल रखेगा। उसे झारखंड सरकार के दिशा-निर्देश का इंतजार है।
देवघर और बासुकीनाथ मंदिर को खोले जाने के मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की आई टिप्पणी को लेकर देवघर के उपायुक्त कमलेश्वर प्रसाद सिंह ने शनिवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि बैद्यनाथ मंदिर की व्यवस्था यथावत रहेगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को यथावत रहने दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कई सुझाव दिए हैं लेकिन इन सुझावों पर राज्य सरकार के स्तर से कोई निर्देश अबतक नहीं मिला है। राज्य में 31 अगस्त तक लॉकडाउन है और इस लिहाज से सरकार के नए निर्देश मिलने तक मंदिर की व्यवस्था यथावत रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आने वाली पूर्णमासी और भादो महीने में नई व्यवस्था लागू करने की कोशिश की जाए। राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखने वाले अधिवक्ता तपेश कुमार सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में कोई आदेश नहीं दिया बल्कि यह निर्णय राज्य सरकार पर छोड़ दिया है। दरअसल, कोरोना संकट काल में झारखंड हाई कोर्ट ने देवघर में बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भक्तों को दर्शन के लिए केवल ई-दर्शन के जरिए दर्शन करने की इजाजत दी है। इसी आदेश को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार से पूछा कि पूरा देश खुल रहा है केवल मंदिर, मस्जिद, चर्च और दूसरे धार्मिक स्थल क्यों बंद हैं। महत्वपूर्ण दिनों में उन्हें खुलना चाहिए।