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Auraiya Road Accident: योगी ने 5 दिन में दिए मुआवजा, घोषणा करके भूल गई हेमंत सरकार; आश्रितों का बढ़ता ही जा रहा इंतजार

Auraiya Road Accident औरैया से शवों को ट्रक पर भेजे जाने की सूचना झारखंड सरकार को मिली तो खूब सियासत हुई थी। सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया था।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 11:25 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 11:25 AM (IST)
Auraiya Road Accident: योगी ने 5 दिन में दिए मुआवजा, घोषणा करके भूल गई हेमंत सरकार; आश्रितों का बढ़ता ही जा रहा इंतजार
Auraiya Road Accident: योगी ने 5 दिन में दिए मुआवजा, घोषणा करके भूल गई हेमंत सरकार; आश्रितों का बढ़ता ही जा रहा इंतजार

बोकारो [ बीके पांडेय/मिहिरचंद्र बाउरी ]। कानपुर के नजदीक औरैया में सड़क दुर्घटना में मारे गए बोकारो के 11 प्रवासी कामगारों के परिजनों को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सिर्फ पांच दिन में दो दो लाख रुपये मुआवजा राशि भेज दी। बाद में दो घायलों की मौत हो गयी। बोकारो प्रशासन ने योगी सरकार को यह सूचना दी। उनके परिजनों के बैंक खातों में भी मुआवजा की रकम भेज दी गयी। मृतक झारखंड के थे। झारखंड की हेमंत सरकार ने भी मृतक के परिजनों को चार चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की थी। 47 दिन गुजर चुके हैं। मृतकों को एक रुपए नहीं मिले हैं। बोकारो प्रशासन ने मुआवजा राशि देने के लिए तीन बार पत्राचार भी किया है। अभी तक गृह विभाग ने इस पर विचार नहीं किया है। मुआवजा में विलंब पर बोकारो उपायुक्त मुकेश कुमार बोले, नो कमेंट्स।

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दरअसल, योगी सरकार ने फैसला लिया था कि लॉकडाउन के दौरान अपने प्रदेश जाने के दौरान किसी प्रवासी कामगार की उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है तो उनके परिजनों को अनुग्र्रह राशि दी जाएगी। 15 मई को औरैया में सड़क दुर्घटना में 28 प्रवासी कामगार मारे गये थे। बोकारो के 11 कामगारों ने तुरंत दम तोड़ दिया। दो की मौत बाद में हुई। चार और घायल हुए थे। 21 मई को योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों के बैंक खाते में राशि भेज दी। सीएम हेमंत सोरेन ने चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की सार्वजनिक घोषणा की थी। मुआवजा राशि नहीं मिली है। मृतकों के परिजन बोकारो में उपायुक्त कार्यालय का चक्कर लगा रहा है। सरकारी अधिकारी तनिक और इंतजार करने का सुझाव दे रहे हैं।

शव लाने पर भी खूब हुई थी सियासत

औरैया से शवों को ट्रक पर भेजे जाने की सूचना झारखंड सरकार को मिली तो खूब सियासत हुई थी। सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया था। उनके ट्वीट के तुरंत बाद यूपी सरकार ने शवों को एंबुलेंस से भेजने की व्यवस्था की। बोकारो जिला प्रशासन ने भी झारखंड सीमा पर 12 एंबुलेंस भेज दिये थे। इस मसले पर कांग्र्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया था। अब सारे लोग पीडि़त परिवारों को भूल गये हैं।

यूपी सरकार के मृत्यु प्रमाणपत्र का इंतजार

झारखंड सरकार से मृतकों के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए 20 हजार रुपये, प्रत्येक परिवार को एक माह का अनाज, कुछ लोगों को अंबेदकर आवास, मुर्गी शेड, बत्तख शेड, कृषि उपकरण, बीज आदि दिए गए हैं अथवा उसकी योजना स्वीकृत की गयी है। मुआवजा के मसले पर पीडि़त परिवारों को कहा जा रहा है कि यूपी सरकार से मृत्यु प्रमाणपत्र मिलने के बाद मुआवजा दिया जाएगा।

इन्होंने गंवाई थी जान

गोपालपुर गांव : राहुल सहिस, उत्तम गोस्वामी, सोमनाथ गोस्वामी, राजा जेलर गोस्वामी एवं चक्रधर महतो

खिराबेड़ा गांव : रंजन कालिंदी, किरिटी कालिंदी, मनोरथ महतो, कनीलाल महतो, गोवर्धन कालिंदी, निरोध कालिंदी व योगेश्वर कालिंदी।

बाबूडीह गांव : डॉक्टर महतो

ये लोग हुए थे घायल

खिराबेड़ा गांव : विकास कालिंदी व उमेश कालिंदी

गोपालपुर गांव : धनंजय कालिंदी


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