महेशपुर कोलियरी में कर्मियों को बंधक बनाकर चार लाख के कलपुर्जो की लूट
नावागढ़ मधुबन थाना अंतर्गत महेशपुर कोलियरी कार्यालय पर सोमवार की रात डेढ़ बजे लगभग दर्जन भर सशस्त्र डकैतों ने धावा बोला। इस दौरान डकैतों ने कार्यालय परिसर स्थित मैनेजर चैंबर गोदाम सर्वे व लिपिक के कमरा पिट ऑफिस का ताला तोड़कर चार लाख रुपये मूल्य के तांबा पीतल व लोहा के सामान लेकर चलते बने।
नावागढ़ : मधुबन थाना अंतर्गत महेशपुर कोलियरी कार्यालय पर सोमवार की रात डेढ़ बजे लगभग दर्जन भर सशस्त्र डकैतों ने धावा बोला। इस दौरान डकैतों ने कार्यालय परिसर स्थित मैनेजर चैंबर, गोदाम, सर्वे व लिपिक के कमरा पिट ऑफिस का ताला तोड़कर चार लाख रुपये मूल्य के तांबा, पीतल व लोहा के सामान लेकर चलते बने। वहां हाजिरी बाबू सहित पहरा दे रहे कर्मियों को भय दिखाकर बंधक बनाया और एक कमरे में बंद कर दिया था। कर्मियों का मोबाइल भी अपने कब्जे में ले लिया। जाते वक्त अपराधियों ने उनका मोबाइल लौटाया। इस संबंध में परियोजना पदाधिकारी सोमनाथ बख्शी ने चोरी की सूचना मधुबन थाने में दी है। इधर घटना के समय कार्यालय परिसर में तैनात कर्मियों ने परियोजना पदाधिकारी को पत्र देकर घटना की जानकारी दी है। हाजिरी बाबू सहित आठ कर्मियों के नाम गिनाए हैं, जिन्हें अपराधियों ने हथियार का भय दिखाकर बंधक बना लिया था। अपराधियों की संख्या दर्जन भर बताई है। मधुबन थाना पुलिस सूचना के बाद मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल कर वापस लौट गई। लूटे गए सामानों में कोल ड्रिल बीट, राणा ड्रिल बिट, थेरोलाइट मशीन, डायल मशीन, शाट फायरिग केबल आदि शामिल हैं। इस संबंध में मधुबन थानेदार सोनू चौधरी ने कहा कि प्रबंधन ने लिखित शिकायत दी गई है। जांच के बाद प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। समाचार लिखे जाने तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। लोहा पीतल व तांबा के कलपुर्जे पर संगठित गिरोह की नजर
कतरास : कोलियरियों से लोहा तांबा व पीतल की सामग्री चुराने वाला गिरोह पुन: सक्रिय हो गया है। इस गिरोह में मधुबन, कतरास, बरोरा व बाघमारा क्षेत्र के अपराधी शामिल हैं। इनका तार भले ही वासेपुर के अपराधियों से जुड़ा हुआ हो, लेकिन सरगना कतरास इलाके का है। ये गिरोह लूट व चोरी के कलपुर्जे को कबाड़ियों के हाथ बेंच देते हैं। कोयले के खनन कार्य से जुड़ी मशीनों में उपयोग किए जाने वाले सामान ना तो खुले बाजार में उपलब्ध है और ना ही इसका बाजार में वाजिब मूल्य मिलेगा। कबाड़खाने में इसकी उपयोगिता है, जहां से निर्धारित कीमत से कम पर जरूरतमंद खरीद कर ले जाते हैं। महेशपुर की घटना में लोकल लिक का हाथ होने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है, जिसे जानकारी थी कि कौन सामान कहां पर हैं। पुलिस अभी तक हरकत में नही आई है।