Weekly News Roundup Dhanbad: आपको इसी घड़ी में जाना था पिताजी ! देखिए, मेरी जान पर बन आया यह 'कोरोनाभोज'
हड़बड़ाते हुए कहा - सभी गाड़ी में चढ़ जाओ। कोई नीचे नहीं उतरे। जेब से मोबाइल निकाला। पीएमसीएच फोन किया। कहा कई लोग हैं हो सकता है इन्हें भी कोरोना हो।
धनबाद [आशीष सिंह ]। झरिया की एक जगह है पाथरबंगला। यहां का एक मजदूर परिवार सुबह-शाम चीन को कोस रहा है। किस घड़ी कोरोना वायरस पैदा कर दिया। ऐसा असर कि खाने को लाले पड़ गए हैं। दो-चार नहीं 50-50 लोगों का भोजन हर दिन। सिर मुड़ाते ही ओले पड़ गए। पिता के श्रद्ध में रिश्तेदारों को बुलाया था। मुंगेर से लगभग 50 लोग 17 मार्च को यहां पहुंच गए। 22 मार्च को जनता कर्फ्यू। इसके बाद लॉकडाउन हो गया। सभी लोग फंस गए। नौ दिन हो गए सभी के भोजन-पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है। श्रद्ध से ज्यादा खर्च इनपर हो गया। किसी तरह इन्हें वापस मुंगेर भेजने के लिए प्रशासन के सहयोग से बस पास बनवाया। ड्राइवर पहुंचा पर भीड़ देख भाग खड़ा हुआ। बस पास भी कैंसिल हो गया। अब पूरा परिवार दोबारा बस पास बनवाने में जुट गया है। जमापूंजी भी खत्म हो चुकी है।
कब तक सोते रहेंगे
केंदुआ-करकेंद का इलाका शहरी क्षेत्र में आता है। दोनों का वार्ड अलग-अलग है। अभी वार्ड पार्षदों की जिम्मेवारी बढ़ गई है। आम लोग मदद के लिए हर दरवाजा खटखटा रहे हैं। कोई दिन ऐसा नहीं है जब स्थानीय लोग इनसे संपर्क न साध रहे हों। पहले तो इनका मोबाइल परिजन रिसीव करते हैं। बात होने पर जवाब मिलता है कि पार्षद अभी सोए हुए हैं। जनता यहां परेशान है। घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। आसपास सफाई नहीं हो रही है। मच्छरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। न ब्लीचिंग का छिड़काव हो रहा है और न ही फॉ¨गग। लोग बोलने लगे हैं कि आखिर कब तक सोए रहेंगे। क्या इसीलिए वोट देकर आप लोगों को अपना प्रतिनिधि चुना था। इनकी शिकायत बड़े साहब तक भी पहुंच चुकी है। लेकिन अभी कार्रवाई से अधिक जरूरी लोगों की मदद है।
... और उछले दो मीटर
दो दिन पहले की बात है। कुछ लोग हजारीबाग जाने के क्रम में भटककर शहर के अंदर आ गए। यही कोई 12-14 लोग रहे होंगे। एक छोटे में ट्रक भरे हुए थे। रणधीर वर्मा चौक पर पुलिस खड़ी थी। पुलिस रोकती, इससे पहले ही इन लोगों ने सवाल दाग दिया। पुलिस ने सभी को उतार लिया। बिना रुके ही पूछने लगे, कहां से आ रहे हो, कहां जाना है, यहां क्या कर रहे हो, पता नहीं है कि लॉकडाउन है। इतने सवालों का एक जवाब था - हैदराबाद से आ रहे हैं। जवाब मिलते ही पुलिस वाले उछल गए। लाठी-डंडा छोड़ दो मीटर की दूरी बना ली। किसी को कुछ सूझा नहीं। हड़बड़ाते हुए कहा - सभी गाड़ी में चढ़ जाओ। कोई नीचे नहीं उतरे। जेब से मोबाइल निकाला। पीएमसीएच फोन किया। कहा, कई लोग हैं, हो सकता है इन्हें भी कोरोना हो।