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Sri Sri Hanumant Katha: मंगल मूर्ति धाम पर व्यास पीठ से प्रदीप भैया बोले-नेताओं के भरोसे धर्म सुरक्षित नहीं

हमारी सक्रियता वाट्सएप ज्यादा रहती है। वाट्सएप पर विरोध और आक्रोश कुछ ज्यादा झलकता है। इससे हिंदू धर्म की रक्षा नहीं हो सकती। हम दूसरों की अच्छी बातें सीख सकते हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 09:56 AM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 09:56 AM (IST)
Sri Sri Hanumant Katha: मंगल मूर्ति धाम पर व्यास पीठ से प्रदीप भैया बोले-नेताओं के भरोसे धर्म सुरक्षित नहीं
Sri Sri Hanumant Katha: मंगल मूर्ति धाम पर व्यास पीठ से प्रदीप भैया बोले-नेताओं के भरोसे धर्म सुरक्षित नहीं

पंचेत, जेएनएन। प्रसिद्ध हनुमंत कथा वाचक प्रदीप भैया ने कहा है कि हिंदू धर्म की रक्षा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक नहीं कर सकते। बल्कि समाज के पुरूष-महिला ही कर सकते है।आज देश-दुनिया में जैसा माहाैल दिख रहा है वह हिंदू धर्म के लिए बड़ी चेतावनी है। हमें चेत जाने की जरूरत है। हम अपने सांसद-विधायक के भरोसे हिंदू धर्म की रक्षा के लिए बैठे नहीं रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति और राजनीतिक दल अपने जगह पर है। एक-एक हिंदू को अपने धर्म की रक्षा के लिए खड़ा होना होगा। जो भी क्षमता है उसी के अनुसार करना होगा। कुछ कर नहीं सकते हैं तो जहां भी कुछ हो रहा है वहां जाकर खड़ा होना होगा। 

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दूसरों की अच्छी बातों से सीखें 

मंगल मूर्ति धाम, जूनकुंदर में रविवार को पांच दिवसीय श्री श्री हनुमंत कथा का शुभारंभ हुआ। व्यास पीठ से कथा व्यास प्रदीप भैया ने इशारे ही इशारे में CAA को लेकर देश में जारी राजनीति के मद्देनजर हिंदुओं को चेतने का संदेश दिया। कहा-हमारी सक्रियता वाट्सएप ज्यादा रहती है। वाट्सएप पर विरोध और आक्रोश कुछ ज्यादा झलकता है। इससे हिंदू धर्म की रक्षा नहीं हो सकती। हम दूसरों की अच्छी बातें सीख सकते हैं। एक-एक व्यक्ति को अपने धर्म और समाज के साथ जीने-मरने का संकल्प लेना होगा। धर्म की रक्षा के लिए हमें अपने आप में बदलाव लाना होगा। 

भगवान के स्मरण से कष्ट से लड़ने की बढ़ती क्षमता 

जोगराज पंचायत के जूनकुंदर ब्रह्मस्थान स्थित मंगल मूर्ति धाम का तृतीया स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इस माैके पर धर्म उत्थान समिति की ओर से श्री श्री हनुमंत कथा का आयोजन किया गया है। वृंदावन से आए प्रदीप भैया ने पांच दिवसीय कथा का शुभारंभ किया। शुरुआत हनुमान जी के तस्वीर पर पुष्प अर्पित व आरती कर की गई। इस दौरान कथा वाचक प्रदीप भैया ने कहा कि जो धर्म के रास्ते चलता है, उसे कष्ट होता ही है। लेकिन भगवान के स्मरण से कष्ट से लडऩे की क्षमता बढ़ती है। इसके लिए आप जिस भगवान में रुचि रखते है उसका नाम स्मरण करें। उन्होंने कहा कि श्रीराम जी हनुमान जी को स्वर्ग ले जाना चाहते थे। लेकिन हनुमान जी यह कह कर स्वर्ग जाने से इन्कार कर दिया कि स्वर्ग में आपकी कथा नहीं होती। धरती पर ही आपकी कथा होती है हम आपके कथा सुनना चाहते है। लेकिन आज समाज की बिडंबना है कि कोई किसी का नहीं सुनता।

जिनका कोई गुरु नहीं उसका जीवन शुरू नहीं

जीवन में गुरु का होना जरूरी है। जिनका कोई गुरु नहीं उसका जीवन शुरू नहीं।  आयोजन में चंद्रदेव यादव, मुखिया रिंटू पाठक, सुदेश सिंह, मधुसूधन तिवारी, जय प्रकाश सिंह, कृष्णा लाल रूंगटा, मधु सिंह, राजू चौहान, भोला चौहान, बिरेन्द्र यादव, बाबन मित्रा, राजेश साव, गुड्डू सिंह, इंद्रदेव प्रसाद, रंजीत चौधरी, पंकज, रवि महतो, ललिता देवी, नीलम देवी, सविता गोराई, पुष्पा देवी सहित उपस्थित थे। 


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