Move to Jagran APP

JK Study Center का विषय बदला, अब पीओके-अक्साई चिन पर चर्चा; जानिए

हमें न सिर्फ पीओके व अक्साई चिन की वस्तुस्थिति का पता होना चाहिए बल्कि हमारे मन में उन्हें फिर से हासिल करने की प्रबल इच्छा भी रहनी चाहिए।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 09:50 AM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 09:50 AM (IST)
JK Study Center का विषय बदला, अब पीओके-अक्साई चिन पर चर्चा; जानिए
JK Study Center का विषय बदला, अब पीओके-अक्साई चिन पर चर्चा; जानिए

धनबाद, जेएनएन। हम कोई भी क्षेत्र तब नहीं हारते जब उस पर दुश्मन देश की सेना कब्जा कर ले, हम उसे तब हार जाते हैं जब हम उसे भुला देते हैं। गिलगित, बाल्टिस्तान, पाक अधिकृत कश्मीर व अक्साई चिन के मामले में यह कहना था कैप्टन आलोक बंसल का।

loksabha election banner

पूर्व नौसेना अधिकारी, इंडिया फाउंडेशन के निदेशक व जम्मू-कश्मीर स्टडी सेंटर के जियो स्ट्रेटजी विभाग प्रमुख बंसल शनिवार को धनबाद में थे। वे इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स भवन में आयोजित जम्मू-कश्मीर स्टडी सेंटर के व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। जम्मू-कश्मीर व लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों के गठन के बाद इस इलाके की नई चुनौतियों पर उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने इन इलाकों में चल रही साजिशों व आम लोगों द्वारा किए जाने वाले प्रमुख कार्य की भी जानकारी दी। कहा कि हमें न सिर्फ पीओके व अक्साई चिन की वस्तुस्थिति का पता होना चाहिए बल्कि हमारे मन में उन्हें फिर से हासिल करने की प्रबल इच्छा भी रहनी चाहिए। अपनी अगली पीढिय़ों को भी उनकी जानकारी देते हुए उन्हें हासिल करने की ओर प्रेरित करते रहना चाहिए। यह याद रहा तो आज न कल हम उसे जीतेंगे जरूर। कार्यक्रम की अध्यक्षता पत्रकार बनखंडी मिश्र ने की। संचालन इंद्रजीत सिंह व विषय प्रवेश डॉ. वीरेंद्र कुमार सिंह ने किया।

धारा- 370 समाप्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर स्टडी सेंटर का विषय बदय गया है। पहले जहां इसके सेमिनार का विषय 370 होता था अब गिलगित, बाल्टिस्तान, पाक अधिकृत कश्मीर व अक्साई चिन आ गया है। इसी बदले विषय पर शनिवार को यहां विचार-विमर्श किया गया। 

  • आंकड़ों में पीओके व अक्साई चिन
  • पाक अधिकृत कश्मीर - 13,297 वर्ग किमी
  • गिलगित बाल्टिस्तान - 72,971 वर्ग किमी
  • अक्साई चिन (लद्दाख) - लगभग 37,500 वर्ग किमी 
  • पाक द्वारा चीन को दिया गया शक्सकाम घाटी- लगभग 5000 वर्ग किमी

साजिश कर रहा पाकिस्तान

पीओके पर पाकिस्तान नए सिरे से साजिश कर रहा है। पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के नाम पर बांटा गया है। गिलगिल-बाल्टिस्तान में हाल तक सीधे पाक सरकार राज करती थी। अब वहां नाम के मुख्यमंत्री बनाए गए। पाकिस्तान यूएनओ में साबित करना चाहता कि यह भारत का हिस्सा कभी नहीं रहा। जबकि भारत के हर मजबूत शासक के मानचित्र में यह क्षेत्र रहा है। वह चाहे मौर्य साम्राज्य, ललितादित्य का कार्कोटक साम्राज्य हो या कुषाण वंशी कनिष्क का शासन,  शहाबुद्दीन, शाहजहां या नादिरशाह का कार्यकाल। गिलगित शहर की तो पहचान ही बौद्ध मूर्ति है।

अक्साई चिन की भी सूरत बदल दी गई

चीन ने भी अपने कब्जे के लद्दाख की सूरत बदल दी है। हम जिसे अक्साई चिन समझ रहे हैैं उसके दो टुकड़े किए जा रहे हैैं। बड़ा हिस्सा चीन के होतान काउंटी में समाहित कर दिया गया है। एक छोटा सा हिस्सा ही तिब्बत से जोड़े रखा गया है। यह साजिशन किया गया है। 

  • ये पांच काम करें
  1. हमें अधिक से अधिक संख्या में जम्मू-कश्मीर व लद्दाख घूमने जाना चाहिए। श्रीनगर, पहलगाम, गुलमर्ग से आगे भी कश्मीर है। वहां भी जाएं।
  2. 1971 में जीते गए तोड़तोग, चुशूल, जाकर देखिए। यहां का लैैंड रिकॉर्ड फिलहाल अपने पास नहीं है। सर्वे चल रहा है। पाकिस्तान चला गया था लैैंड रिकॉर्ड।
  3. लद्दाख केंद्र शासित राज्य के लेह, कारगिल इलाकों में जाएं। लेह कभी एशिया का सबसे बड़ा व्यापारिक केंद्र था। चीन ने रास्ता बंद किया तो बर्बादी के कगार पर आ गया।
  4. किश्तवाड़, भद्रवाह, पुंछ, राजौरी में निवेश की काफी संभावनाएं हैैं। यहां काफी जमीन भी है। चाहें तो निवेश भी कर सकते हैैं। यह घूमने लायक इलाका है।
  5. वहां की भाषाएं सीखें। वहां के लोगों से मेलजोल बढ़ाएं। वहां के जो लोग आपके इलाके में आते हैैं उनसे आत्मीयता से पेश आएं। उन्हें उपेक्षित महसूस न होने दें।
  • ये थे उपस्थित

केशव हड़ोदिया, शंकर बुधिया, बिंदेश्वरी प्रसाद, हरिलाल साव, प्रो. प्रमोद पाठक, अरुण राय, विनोद पांडेय, मनोज पांडेय, रुपेश सिन्हा, प्रेमचंद, अजय सिंह आदि थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.