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दुमका में ग्लाइडर क्रैश के बाद धनबाद में ज्वॉय राइडिंग की हुई लैंडिंग, जानिए वजह Dhanbad News

दुमका की घटना के बाद से उड़ान रद करने का निर्णय लिया गया। फिलहाल यह दोबारा शुरू होगी भी या नहीं इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।

By MritunjayEdited By: Published: Fri, 07 Feb 2020 05:53 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 09:15 AM (IST)
दुमका में ग्लाइडर क्रैश के बाद धनबाद में ज्वॉय राइडिंग की हुई लैंडिंग, जानिए वजह Dhanbad News
दुमका में ग्लाइडर क्रैश के बाद धनबाद में ज्वॉय राइडिंग की हुई लैंडिंग, जानिए वजह Dhanbad News

धनबाद [आशीष सिंह ]। दुमका हवाईअड्डे पर प्रशिक्षण देनेवाला टू सीटर ग्लाइडर तीन फरवरी की शाम उतरने के क्रम में रनवे से टकरा गया। इस हादसे में इंजीनियर की मौत हो गई और पायलट बुरी तरह घायल हो गया। इसे देखते हुए धनबाद के बरवाअड्डा हवाई पट्टी से संचालित हो रही ग्लाइडर सेवा को तत्काल अगले आदेश तक रद कर दिया गया है। हालांकि यहां देखरेख करने वाले सदस्यों का कहना है कि पायलट नहीं है, इसलिए दो-तीन फरवरी से सेवा बंद है। पायलट कब तक आएगा, इसके बारे में कोई नहीं दे सका।

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सूत्रों की मानें तो दुमका की घटना के बाद से उड़ान रद करने का निर्णय लिया गया। फिलहाल यह दोबारा शुरू होगी भी या नहीं, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। इस हवाई अड्डे से ग्लाइडर प्रतिदिन दस से 12 चक्कर लगाता था। इसके एवज में प्रति व्यक्ति 800 रुपये चार्ज किया जाता है। इस शुल्क में 8 से 10 मिनट की उड़ान सेवा मिलती है। धनबाद में नवंबर 2018 में ग्लाइडर से ज्वॉय राइड की शुरुआत की गई थी। तत्कालीन उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे ने इसका उद्घाटन किया था। इसका मकसद लोगों को हवा में तैरते हुए धनबाद की खूबसूरती दिखाना था। धनबाद से पहले रांची और दुमका में यह सेवा शुरू की गई थी। 

दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ग्लाइडर है साइनस

ग्लाइडर के तकनीशियन रविरंजन कुमार सिंह ने बताया कि यह ग्लाइडर यूरोप की स्लोवेनिया की पिपिस्ट्रेल कंपनी से निर्मित साइनस श्रेणी का है। इस श्रेणी के ग्लाइडर ने अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के आयोजित विश्व प्रतियोगिता में वल्र्ड टूर कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है। इस श्रेणी के ग्लाइडर ने विश्व की 6-7 दुर्गम चोटी पर सफल लैंडिंग की और उड़ान भरी है। यह ग्लाइडर 10 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और यह डीजीसीए के विजुअल फ्लाइट रूल्स (वीएफआर) से मान्यता प्राप्त है। यह रात्रि में उड़ान नहीं भर सकता। यह 50 से 100 मीटर की हवाई पट्टी से आसानी से उड़ान भर सकता है। इसे बॉक्स प्लेटफार्म पर निर्मित किया गया है। ज्वॉय राइड बॉक्स पैटर्न में बरवाअड्डा हवाई पट्टी से पांच नॉटिकल माइल की परिधि में की जाती है। 


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