नए सिरे से कोयले के अवैध खनन को आजादी, तीन की माैत के बाद पुलिस की भूमिका सवालों में Dhanbad News
नए साल 2020 में निरसा में अवैध कोयला खनन में दूसरी बार लोगों की जान गई है। इतना होने पर भी प्रशासन ईसीएल और अन्य स्तर पर अवैध खनन रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
धनबाद/ मुगमा, जेएनएन। धनबाद कोयलांचल में एक बार फिर जोरों पर कोयले का अवैध खनन और चोरी हो रही है। प्रतिदिन सैकड़ों टन कोयले को कोयला तस्कर अपने मजबूत नेटवर्क के माध्यम से बाहर के मंडियों में भेज रहे हैं। जीटी रोड के भट्ठों में खपा रहे हैं। दूसरी तरफ अवैध खनन के दाैरान दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। मुगमा क्षेत्र में तीन मजदूरों की जान चली गई है। इसके बाद सवाल उठ रहा है कि आखिर नए सिरे से कोयले के अवेध खनन की आजादी किसने दी ? धनबाद पुलिस भी सवालों के घेरे में है।
चुपके से किया गया अंतिम संस्कार
ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड (ईसीएल) के मुगमा एरिया में चल रही कापासारा आउटसोर्सिंग परियोजना में कोयला के अवैध खनन के दौरान शनिवार को आधी रात में तीन लोगों की जान चली गई। नीमडंगाल के गरीब पानी से भर चुकी खदान के किनारे में बनायी गई सुरंग से कोयला निकालने गए थे। अचानक खदान का मलबा उन पर गिर गया। तीन लोगों की मौत होने की सूचना तत्काल नीमडंगाल तक चली गई। आननफानन तीनों के शवों को लेकर लोग भाग गए। सिर्फ उनका गमछा और झोला रह गया। अवैध कारोबारियों ने कोयला चोरी का मुकदमा होने का भय दिखाकर शवों का अंतिम संस्कार भी करा दिया।
नए साल में दूसरी घटना
इस साल निरसा में अवैध कोयला खनन में दूसरी बार लोगों की जान गई है। इतना होने पर भी प्रशासन, ईसीएल और अन्य स्तर पर अवैध खनन रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। गलफरबाड़ी आउटपोस्ट (ओपी) में कापासारा आउटसोर्सिंग परियोजना चल रही है। शनिवार की आधी रात दर्जनों लोगों ने अवैध खनन शुरू किया। इस दौरान चाल धंस गई। तत्काल तीन लोगों की मौत हो गई। कोहराम मच गया। तुरंत लाशों को गायब किया गया। ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के अधिकारियों ने इस घटना के बाबत अनभिज्ञता जाहिर की।
निरसा से गोविंदपुर तक अवैध भट्ठों में खपाया जाता कोयला
खदानों में रोजाना सैकड़ों लोग अवैध रूप से कोयला निकालते हैं। निरसा से गोविंदपुर तक दर्जनों अवैध भट्ठे हैं। सभी पुलिस, कोल कंपनी, खनन महकमा एवं राजनेताओं के संरक्षण में चलते हैं। अवैध खनन का कोयला इन्हीं भट्ठों में बेचा जाता है। फिर भट्ठों से वाराणसी से डेहरी ऑन सोन तक कोयला जाता है। अवैध खनन के दौरान मौत हो जाती है तो भट्ठा संचालक प्रभावित परिवार को कुछ देकर और मुकदमा होने का भय दिखाकर खामोश कर देते हैं।
कापासारा में एक साल में अवैध खनन में नौ की मौत
ईसीएल मुगमा क्षेत्र की कापासारा आउटसोर्सिंग परियोजना में अवैध कोयला उत्खनन में मौत की यह पहली घटना नहीं है। यहां अब तक नौ लोगों की अवैध उत्खनन में मौत हो चुकी है। 23 जनवरी 2019 को चार लोगों की मौत हो गई थी जिसमें एक का शव पुलिस ने बरामद किया था। पिछले साल ही 24 सितंबर को एक महिला की मौत हो गई थी। 22 अक्टूबर को एक की जान गई थी। इस साल 27 जनवरी को तीन लोगों ने दम तोड़ दिया था। इसके बावजूद न तो जिला प्रशासन, न ही ईसीएल के पदाधिकारी की ओर से अवैध खनन रोकने के लिए ठोस कदम उठाया जा रहा है। कोयला चोरी रोकने के लिए ईसीएल मुख्यालय द्वारा टास्क फोर्स का गठन किया गया है। पिछले साल राजपुरा कोलियरी में टास्क फोर्स पर कोयला चोरों ने पथराव किया था।