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कोलियरी मालिक थे धनबाद के पहले विधायक

धनबाद सूबे में चुनाव की तैयारिया गति पकड़ने लगी है। एकीकृत बिहार से अलग होने के बाद यह झारखंड का चौथा विधानसभा चुनाव है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Nov 2019 04:47 AM (IST)Updated: Wed, 20 Nov 2019 06:20 AM (IST)
कोलियरी मालिक थे धनबाद के पहले विधायक
कोलियरी मालिक थे धनबाद के पहले विधायक

धनबाद : सूबे में चुनाव की तैयारिया गति पकड़ने लगी है। एकीकृत बिहार से अलग होने के बाद यह झारखंड का चौथा विधानसभा चुनाव है। आजाद भारत में विधानसभा का पहला चुनाव पूरे देश में (कुछ राज्यों को छोड़कर) एकसाथ हुआ था। दरअसल, उन दिनों देश में आम चुनाव व राज्य की विधानसभाओं के चुनाव एकसाथ कराए जाते थे। वरिष्ठ पत्रकार बनखंडी मिश्रा बताते हैं कि 1952 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में धनबाद से विधायक के रूप में चुने जाने वाले व्यक्ति पुरुषोत्तम चौहान थे। मूल रूप से गुजराती चौहान निजी खान मालिक थे। वे झरिया स्टेशन के पूर्व में स्थित सेंट्रल कुजामा कोलियरी चलाते थे। झरिया के मौजूदा धर्मशाला रोड में भी उनका विशाल आवासीय भवन हुआ करता था।

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हालाकि, पुरुषोत्तम चौहान बहुत ज्यादा लोकप्रिय नेता नहीं थे लेकिन, गुजराती समाज में अच्छी पैठ थी। उनके व्यक्तित्व का सीधा-सादापन एवं काग्रेस पार्टी की जनप्रियता ने उन्हें जीत दिला दी थी।

वर्तमान में जिले में छह विधानसभा क्षेत्र (झरिया, धनबाद, टुंडी, सिंदरी, बाघमारा, निरसा) हैं। 1952 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में तोपचाची, कतरास, टुंडी-सह-निरसा, पारा-सह-चास, धनबाद व बलियापुर विधानसभा क्षेत्र थे। इनमें तोपचाची से राजा पूर्णेदु नारायण सिंह, कतरास से मनोरमा सिंह (कोलियरी ऑनर गुप्तेश्वर सिंह की पत्नी), टुंडी-सह-निरसा से रामनारायण शर्मा (1971 में धनबाद के सासद भी बने) व टीकाराम माझी, पारा-सह-चास से देवशकरी प्रसाद सिंह एवं शरत जी, धनबाद से पुरुषोत्तम चौहान, बलियापुर से राजा काली प्रसाद सिंह विधायक बने थे।

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चार से 24 जून तक चली थी चुनाव प्रक्रिया

पहला विधानसभा चुनाव 1952 में चार जून से लेकर 24 जून तक चला था। उन दिनों धनबाद एक स्वतंत्र जिला नहीं बना था, बल्कि मानभूम जिले का उप-जिला था। इस चुनाव में धनबाद में कुल 3,69,456 वोटर थे।

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सात विधायकों में से पाच काग्रेस पार्टी से जीते थे

प्रथम विधानसभा चुनाव में पाच विधायक पुरुषोत्तम चौहान, राजा पूर्णेंदु नारायण सिंह, शरत जी, रामनारायण शर्मा, टीकाराम माझी काग्रेस पार्टी की तरफ से विधानसभा पहुंचे थे। वहीं, राजा काली प्रसाद सिंह छोटानागपुर एवं संथाल परगना जनता पार्टी व देवशकरी प्रसाद सिंह निर्दलीय जीते थे।

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प्रथम चुनाव में थीं ये पार्टियां

- भारतीय राष्ट्रीय काग्रेस

- सोशलिस्ट पार्टी

- किसान मजदूर पार्टी

- झारखंड पार्टी

- छोटानागपुर एवं संथाल परगना जनता पार्टी

- फॉरवर्ड ब्लॉक

- अखिल भारतीय राम-राज्य पार्टी

- लोक सेवक संघ

- आल इंडिया गणतंत्र परिषद्


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