De Nobili School में छात्रा से दुष्कर्म की NCPCR ने की जांच, प्रबंधन और पुलिस की खुली पोल Dhanbad News
NCPCR की टीम के सदस्यों ने कहा कि स्कूल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाया। विद्यालय में काफी त्रुटियां बरती गई हैं।
कतरास, जेएनएन। बहुचर्चित कतरास के कोड़ाडीह स्थित डिनोबली स्कूल में छात्रा के साथ दुष्कर्म की राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की टीम ने जांच की है। स्कूल में आठ वर्षीय छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म मामले की छानबीन जब टीम के सदस्यों ने शुरू की तो स्कूल प्रबंधन और पुलिस की नाकामियों की पोल खुल गई। टीम के सदस्यों ने कहा कि स्कूल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाया।
सोमवार को जांच के बाद सदस्यों ने पत्रकारों से कहा कि विद्यालय में काफी त्रुटियां मिली है। गंभीरता से जांच की जा रही है। स्कूल प्रबंधन ने जो बयान दिया था उससे कुछ पता नहीं चल रहा है। पुलिस ने स्कूल के किसी सदस्य का अब तक बयान नहीं लिया है। अगर इस तरह की मानसिकता रही तो स्कूल में बेहतर माहौल देना कैसे संभव होगा। टीम के सदस्यों ने कहा कि स्कूल के शिक्षक, शिक्षिका, चालक, गार्ड, आदेशपाल का पुलिस सत्यापन नहीं कराया गया है। स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि अन्य संस्थान ऐसी अनदेखी नहीं करे। बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए कठोर कदम उठायेंगे। पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई संतोषजनक नहीं है पर उन्होंने समय मांगा है तथा कहा है कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा। पोस्को की कठोर धाराएं लगनी चाहिए थी जो नहीं लगाई गई है।
स्कूल के उप प्राचार्य के कमरे में लगे सीसीटीवी कैमरे पर कहा कि कैमरे की दिशा ठीक नहीं है। इसमें सुधार करने को प्रबंधन से कहा गया है। प्राचार्य तनुश्री बनर्जी के साथ करीब एक घंटे तक लंबी पूछताछ के दौरान उन्हें कई निर्देश दिए। टीम ने पूछा कि कितने दिनों में छात्र-छात्राओं के बीच पोस्को को लेकर जागरूकता कार्यशाला लगी है। प्राचार्य ने बताया कि जून 2019 में कार्यशाला लगी थी। टीम ने एतराज जताते हुए कहा कि पोस्को पर बराबर कार्यशाला करें ताकि बच्चों को इसकी जानकारी मिल सके। विद्यालय के कर्मियों की पुलिस से सत्यापन कराए। टीम के सदस्य रिकवरी रूम में गए और अंदर की व्यवस्था व दवा के बारे में जानकारी ली। रिकवरी रूम में जानेवाले छात्रों की इंट्री रजिस्टर का अवलोकन किया।
थानेदार से सदस्यों ने कहा कि और पोस्को एक्ट की सुसंगत धाराएं क्यों नहीं लगायी गई हैं? टीम में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य रोजी तांबा, रजिस्टार रमण गौड़, झारखंड राज्य बाल आयोग के पूर्व चेयरमैन आरती कुजूर, चाइल्डलाइन झारखंड के निदेशक संजय मिश्रा, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी साधना कुमारी, चाइल्ड वेलफेयर कोर्ट की सदस्य पूनम कुमारी शामिल थीं। इस मौके पर बाल कल्याण सदस्य देवेंद्र शर्मा, दीप माला, बाल कल्याण परिषद के झारखंड के सदस्य प्रदीप पांडेय, अभिषेक साव के अलावा डीएसपी मनोज कुमार, थानेदार विनोद उरांव मौजूद थे।