जीतने के लिए खुद से स्पद्र्धा करना सीखें
बीआइटी सिंदरी इंडक्शन प्रोग्राम में खेल जगत की प्रसिद्ध हस्तियों ने किया विद्याíथयों का मार्गदर्शन
संस, सिदरी : बीआइटी सिदरी में नव प्रवेशी छात्र-छात्राओं के 21 दिवसीय इंडक्शन प्रोग्राम के अनुगम समारोह में रविवार को खेल जगत की महान हस्तियों ने मार्गदर्शन किया। अर्जुन पुरस्कार व द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित तीरंदाज संजीव कुमार सिंह ने अपने जीवन काल के अनेक अनुभव विद्याíथयो के साथ साझा किया। बताया कि भारत का झंडा उठाकर मेडल को चूमना एक खिलाड़ी का सपना होता है। यह कड़ी मेहनत से ही संभव हो पाता है। विद्याíथयों को सफलता के सूत्र बताते हुए कहा कि हमेशा स्वयं से प्रतिस्पर्धा करो। अन्य प्रतिस्पर्धी बेहतर और ताकतवर हैं। यह सोचकर स्वयं को पीछे मत ढकेलो। बड़ा करने के अपने सफर को छोटे - छोटे लक्ष्यों में विभाजित करो। असफलता से सीख लो। स्पर्धा में लगातार बने रहो। मैं कर सकता हूं। मैं करूंगा के सिद्धांत को अपनाओ।
खेल के मैदान को कॉरपोरेट वर्ल्ड से जोड़ते हुए कहा कि सक्सेस होने के लिए नॉलेज को अप्लाई करना पड़ता है। कहा कि बीआइटी सिदरी के इंजीनियर के विद्याíथयों को अपना नालेज इंडस्ट्री में लगाना चाहिए। अनुगम समारोह के दूसरे सत्र में ध्यानचंद लाइफ ाइम अवार्ड से सम्मानित सुमराई टेटे, झारखंड हाकी महिला टीम की कोच राजकुमारी बानरा और बीआइटी सिदरी के पूर्ववर्ती छात्र अंडर 19 में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके विनोद प्रकाश भी समारोह में शामिल हुए। विनोद प्रकाश ने खेल के प्रति रुचि दिखलाने का आग्रह किया। कहा कि खेल से समय की पाबंदी, अनुशासन और एकाग्रता विकसित होती है। सुमराई टेटे ने कहा कि कठिनाइयों से लड़ना सीखा और लड़कर जीतना सीखा। सुमराई वर्तमान में उप निदेशक स्पोर्ट्स झारखंड है। अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी राजकुमारी ने कहा कि सफलता और असफलता जीवन के दो पहलू हैं। नकारात्मक विचार नहीं आना चाहिए। प्रारंभ में डॉ. पंकज राय और प्रो. रेखा झा ने अंगवस्त्र देकर अतिथियों का स्वागत किया। निदेशक डॉ. डीके सिंह ने स्मृति चिन्ह देकर अभिनंदन किया।