JMM के संस्थापक सदस्य ने की आत्महत्या, दीवार पर लिख दिया मजबूर करने वालों के नाम Dhanbad News
अजीत सेनगुप्ता ने अपने घर के जिस कमरे में आत्महत्या की उसकी दीवार को सुसाइड नोट लिखने के लिए इस्तेमाल किया। वह काफी दिनों से दीवार पर अपना दुख-दर्द लिखते रहे।
धनबाद, जेएनएन। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक सदस्यों में एक 66 वर्षीय अजीत सेनगुप्ता ने शनिवार-रविवार की रात अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मुखर्जी आत्महत्या की तैयारी काफी दिनों से कर रहे थे। इस बात की गवाही उनके द्वारा कमरे के दीवार पर ही लिखे गए सुसाइड नोट चींख-चींख कर दे रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
सेनगुप्ता द्वारा आत्मत्या किए जाने की सूचना मिलने के बाद रविवार सुबह धनबाद थाना की पुलिस ने पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया। पंचनामा तैयार करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। सेनगुप्ता ने अपने घर के जिस कमरे में आत्महत्या की उसकी दीवार को सुसाइड नोट लिखने के लिए इस्तेमाल किया। वह काफी दिनों से दीवार पर अपना दुख-दर्द लिखते रहे। दीवार पर साफ लिखा है-मेरी आत्महत्या के लिए मेरा भाई गाैतम सेनगुप्ता और उसका नाैकर पुथू मंडल जिम्मेदार है।
अजीत ने सुसाइड नोट में लिखा है-उनके भाई गौतम सेनगुप्ता ने उन्हें कई बार मारने का प्रयास किया। वह उसपर लगातार अत्याचार करता है। संपत्ति का लोभ है। गौतम के अत्याचार के कारण ही वह आत्महत्या कर रहे हैं। बुजुर्ग ने एक कागज पर लिखा सुसाइड नोट भी छोड़ा जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया। मामले का खुलासा तब हुआ जब रविवार सुबह लगभग 9 बजे झामुमो नेता देबू महतो अजीत से मिलने उनके घर पहुंचे। काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बावजूद जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तब उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस पहुंची और दरवाजा खुलवाया। अंदर एक कमरे में अजीत फंदे से लटके थे और दीवार पर आत्महत्या करने का कारण लिखा था।
झामुमो ने जताई हत्या की आशंका : देबू ने कहा कि अजीत को लकवा मार दिया था। उसके बाद उनके शरीर के बाएं हिस्से ने काम करना बंद कर दिया था। झामुमो कार्यकर्ता रोज सुबह आकर उन्हें नित्यक्रिया करने में सहयोग करते थे। उन्होंने सवाल उठाया कि जो व्यक्ति खुद नित्यक्रिया नहीं कर सकता वह आठ फीट की ऊंचाई पर चढ़कर रस्सी कैसे बांध सकता है। उन्होंने आत्महत्या की बात को सरासर गलत बताते हुए हत्या की आशंका जाहिर कर पुलिस से जांच की मांग की।
भाई से था विवाद : अजीत का अपने भाई गौतम से संपत्ति को लेकर विवाद था। दोनों भाई अविवाहित थे और अपने पैतृक आवास के अलग-अलग हिस्से में रहते थे। 15 अगस्त को अजीत की अचानक तबीयत खराब हो गई थी, तब झामुमो कार्यकर्ताओं ने उन्हें पीएमसीएच में भर्ती करवाया था। 26 अगस्त को ठीक होने के बाद जब वह अपने घर लौटे तो गौतम ने उन्हें रोक दिया था। काफी कहासुनी के बाद भी जब उन्हें घर में प्रवेश नहीं करने दिया गया तब पुलिस को सूचना दी गई थी। पुलिस के हस्तक्षेप से अजीत अपने घर में घुस पाए थे।
दीवार पर अत्याचार की कहानी : अजीत ने कमरे की दीवारों पर अपने ऊपर हो रहे अत्याचार की सारी कहानी लिख दी थी। उन्होंने दीवार पर लिखा कि कैसे गौतम ने दवा छिड़क कर उन्हें मारने का प्रयास किया था। उन्होंने अपने भाई पर कई संगीन आरोप लगाए।
घर व जमीन दान करने की थी इच्छा : अजीत ने दीवारों पर लिखा कि वे अपने घर के दो कमरे झामुमो कार्यालय के लिए दे रहे हैं। घर के पीछे उनके हिस्से की चार का जमीन बांग्ला उन्नयन समाज को दे दी जाए। 6 सितंबर को उन्होंने अपने कमरे की दीवार पर लिखकर यह इच्छा जाहिर की थी।
मामला संदेहास्पद लग रहा है। पुलिस मौके से मिले सुसाइड नोट सहित दीवारों पर लिखी बातोंं के आधार पर जांच कर रही है।
- नवीन कुमार राय, थाना प्रभारी, धनबाद थाना