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नहीं बदलेगी किताब, 'ऋतिका' ही पढ़ेंगे 12वीं के विद्यार्थी

धनबाद / रांची सरकारी स्कूलों में कक्षा 12वीं (सत्र 2019-20) के विद्यार्थी संस्कृत की पुस्तक ऋ

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 11:04 PM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 11:04 PM (IST)
नहीं बदलेगी किताब, 'ऋतिका' ही पढ़ेंगे 12वीं के विद्यार्थी
नहीं बदलेगी किताब, 'ऋतिका' ही पढ़ेंगे 12वीं के विद्यार्थी

धनबाद / रांची : सरकारी स्कूलों में कक्षा 12वीं (सत्र 2019-20) के विद्यार्थी संस्कृत की पुस्तक 'ऋतिका' (भाग-2) ही पढ़ेंगे। जिन स्कूलों में बच्चों को नई किताबें दी गई हैं, जेसीईआरटी वहां से किताबें वापस मंगा लेगा। संस्कृत की पुस्तक बदले जाने के मामले में झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा गठित सात सदस्यीय कमेटी ने सोमवार को रिपोर्ट सौंप दी। इसके बाद जैक अध्यक्ष डॉ. अरविंद प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें कहा गया कि बीच सत्र में किताब बदलना उचित नहीं है। इससे विद्यार्थियों को समस्या होगी। अब जैक पहले से पढ़ाई जा रही 'ऋतिका' (भाग-2) किताब को संचालित करने की अनुशंसा स्कूली एवं साक्षरता विभाग से करेगा।

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छपी हुई पुस्तकों की एक प्रति जैक को भी दें :

बैठक में जैक ने झारखंड शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (जेसीईआरटी) के प्रतिनिधि से कहा कि किताब प्रकाशित करने से पहले एक बार सभी विषयों के शिक्षकों के साथ बैठक कर पुस्तक पर चर्चा कर लें। शिक्षकों को मालूम है कि क्या सिलेबस है और नई किताब में क्या होना चाहिए। साथ ही छपी हुई पुस्तकों की एक प्रति जैक को भी दें। ऐसा करने से भविष्य में किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं होंगी और छात्रों को परेशानी नहीं होगी।

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दैनिक जागरण ने उठाया था मामला :

दैनिक जागरण ने 13 अगस्त के अंक में 'आधे सत्र में बदल दी 12वीं की किताब' शीर्षक से खबर प्रकाशित कर इस मामले को प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद 14 अगस्त को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने जैक सचिव महीप सिंह से इस मामले में रिपोर्ट मांगी। एपी सिंह ने कहा था कि 12वीं में संस्कृत की कौन सी किताब संचालित करनी है, जैक इस मामले में विशेषज्ञों व शिक्षकों से मंतव्य लेकर रिपोर्ट दें। इसके बाद 16 अगस्त को सात सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई।

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यह था मामला :

सीबीएसई एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित किताबें संचालित करती है। जेसीईआरटी ने एनसीईआरटी पर आधारित पुस्तकें प्रकाशित कर स्कूलों में भेज दिया। एनसीईआरटी ने 12वीं की संस्कृत की किताब 'ऋतिका' को बदलकर 'भास्वती' (भाग-2) संचालित किया। जेसीईआरटी ने 12वीं में 'भास्वती' को कोर और 'शाश्वती' को इलेक्टिव के तौर पर छपवा कर स्कूलों को भेज दिया। इधर, संस्कृत की पहले से चल रही पुस्तक 'ऋतिका' (भाग-2) से आधी सिलेबस की पढ़ाई हो गई है। अब छात्रों व शिक्षकों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि फरवरी में होने वाली बोर्ड परीक्षा में जैक किस किताब से प्रश्न पूछेगा।

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