सिस्टम के डंक से 177 स्वास्थ्य केंद्र बीमार, सर्पदंश का इलाज करने में लाचार Dhanbad News
एक जून से 15 जुलाई तक पीएमसीएच में सर्पदंश के 38 के आसपास मामले आ चुके हैं। आये दिन एक दो मरीज पीएमसीएच आ रहे हैं।
धनबाद, जेएनएन। बरसात आने के साथ ही सर्पदंश के मामले भी बढऩे लगे हैं। धनबाद के किसी भी स्वास्थ्य केंद्रों में में सर्पदंश के बाद दी जाने वाली दवा एंटी स्नैक वेनम (एएसवी) नहीं है। इस कारण शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश के मामले आने पर केंद्रों से मरीजों को पीएमसीएच रेफर कर दिया जा रहा है। एक जून से 15 जुलाई तक पीएमसीएच में सर्पदंश के 38 के आसपास मामले आ चुके हैं। आये दिन एक दो मरीज पीएमसीएच आ रहे हैं। बता दें कि धनबाद में कुल 177 स्वास्थ्य केंद्र हैं। इसमें आठ सीएचसी व 28 पीएचसी है।
पीएमसीएच में एएसवी को लेकर अधीक्षक ने दिये निर्देशः पीएमसीएच में एएसवी के स्टॉक को लेकर अधीक्षक डॉ एचके सिंह विशेष निर्देश दिये हैं। जरूरत के हिसाब से मरीजों को एएसवी देने की बात कही है। गरीब मरीजों को आवश्यकता अनुसार जितनी दवा चाहिए, देने को कहा है। फिलहाल यहां स्टॉक में दवा उपलब्ध है. हालांकि प्रबंधन ने मुख्यालय से अलग से दवा की खेप की मांग की है।
विधायक फंड से भी देनी है दवाः विभाग ने संबंधित क्षेत्रों विधायकों से भी अपने-अपने केंद्रों में एंटी स्कैन वेनम व एंटी रैबीज वैक्सीन के लिए फंड देने की अपील की है। विभाग का कहना है कि बरसात में सांप व कुत्ता काटने की संख्या तेजी से बढ़ती है, ऐसे में जन प्रतिनिधियों की मदद से भी दवा उपलब्ध करायी जा सकती है।
निजी अस्पताल में दो से तीन हजार रुपये दवा का डोजः स्वास्थ्य केंद्रों में दवा नहीं होने के कारण निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम की ओर कई लोग रूख कर रहे हैं। इसमें पांच दवा की खेप दो से तीन हजार रुपये में बेची जा रही है। एक वायल दवा 450 रुपये में बेची जा रही है। पैसे वाले निजी अस्पतालों में जा रहे हैं, लेकिन गरीब मरीज का पीएमसीएच ही सहारा है।
धनबाद के अलावा गिरिडीह, जामताड़ा, देवघर आदि जगहों से भी सर्पदंश के मरीज आते हैं। मुख्यालय से और दवा की मांग की गयी है। हर दिन सर्पदंश के मरीज आ रहे हैं। -डॉ एचके सिंह, अधीक्षक, पीएमसीएच