पुलिस से इंसाफ नहीं मिलने पर बड़ी बहन ने जान दी, जरूरत पड़ी तो मैं भी वही करूंगी... Dhanbad News
डिगवाडीह में नाबालिग को सरेआम उठा कर सुनसान जगह पर ले जाने का प्रयास करने वाले अवैध शराब कारोबारी सुजीत राय धर्मेंद्र वर्मा और अमित वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
गोविंद शर्मा/सुमित अरोड़ा, झरिया: डिगवाडीह में नाबालिग को सरेआम उठा कर सुनसान जगह पर ले जाने का प्रयास करने वाले अवैध शराब के कारोबारी पटना के सुजीत राय, धर्मेंद्र वर्मा और अमित वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वे शिव वर्मा के जरिए अवैध शराब का कारोबार करते हैं।
बिहार के तीनों युवकों को संरक्षण देने और उनके साथ कारोबार करने वाले शिव वर्मा को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था। अवैध शराब के कारोबारी शिव वर्मा को जोरापोखर थानेदार अखिलेश कुमार छोड़ दिया। सरेआम इज्जत लूटने का प्रयास करने वाले को जेल भेजने से किशोरी संतुष्ट नहीं है। गुरुवार को उसने कहा कि सभी अवैध धंधेबाज हैं। सबको पुलिस जानती है, पहचानती है। जेल गए हैं, छूट जाएंगे! फिर किसी न किसी की इज्जत लूटने की कोशिश होगी। अगर उसे इंसाफ नहीं मिला तो वह भी अपनी बड़ी बहन की तरह आत्महत्या कर लेगी। उसकी बहन भी पुलिस के पास न्याय मांगने गई थी। पुलिस ने कुछ नहीं किया तब जान दी। जोरापोखर थाना में नाबालिग ने कहा कि दो दिन पहले शाम को बाजार से खरीददारी कर लौट रही थी तो युवकों ने छेडख़ानी की थी। हाथ पकड़ कर सुनसान जगह पर ले जाने का प्रयास किया था। वह चीखने चिल्लाने लगी तो सब भाग गए थे। उनमें सुजीत भी था। वही सुजीत जिसके कारण बहन की जान गई थी। जोरापोखर थाना गई थी। पुलिस वालों ने गंभीरता नहीं दिखाई। तब ऑनलाइन एफआइआर किया। नाबालिग की माता ने कहा कि डिगवाडीह का शिव वर्मा यहां से बिहार में शराब भेजता है। सुजीत राय, धर्मेंद्र वर्मा और अमित वर्मा उसके यहां रहते थे। अवैध कारोबार के साथी हैं। सुजीत शादीशुदा बड़ी बेटी पूजा को मानसिक तौर पर प्रताडि़त करना था। पूजा थाना में गई थी। पुलिस ने कुछ नहीं किया। बीते छह मई को पूजा ने आत्महत्या कर लिया था। अब वही लोग छोटी बेटी के पीछे पड़ गए हैं।
स्थिति नियंत्रण के बाहर: जोरापोखर और झरिया में वाकई हालात भयावह है। पुलिस के फरियाद नहीं सुनने के कारण महिलाओं ने जान दी है। पुलिस ने ससमय कार्रवाई की होती तो हालिया महीने में कम से कम तीन महिलाओं की जान जरुर बच जाती। धोखा देने वाले पर प्रेमी पर एक्शन नहीं लेने के कारण भालगोरा की लड़की ने फांसी लगा ली। डिगवाडीह की विवाहिता ने प्रेम संबंध में प्रताडि़त करने वाले सुजीत की शिकायत की। पुलिस ने कुछ नहीं किया तो उसने भी जान दी। झरिया की युवती को गर्भवती कर मुंह मोडऩे वाले पुलिस का डंडा नहीं चला। आरोपित ने मर्जी के मुताबिक न्यायालय में सरेंडर किया।
भालगोरा में नाबालिग ने जहर खाया, फिर फांसी लगाई: भालगोरा की नाबालिग को झरिया शहर के करण कुमार ने प्रेम जाल में फांस लिया। यौन शोषण किया। लड़की जब शादी करने को कहती तो मुकर जाता था। लड़की थाना में गई। कुछ नहीं हुआ तो लड़की ने जहर खा लिया। किसी तरह बच गई। फिर प्रेमी के खिलाफ थाना गई। झरिया थानेदार ने महिला थाना भेज कर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ ली। 26 जून को लड़की ने अपने घर में फांसी लगा ली। इसके बाद मृतका के परिजनों ने करण के खिलाफ केस किया। करण फरार है।
जोड़ापोखर: जोरापोखर की विवाहिता पूजा का पटना से आकर अवैध शराब का कारोबार करने वाले सुजीत राय के साथ प्रेम संबंध कायम हो गया था। शुरुआत में सुमित के साथ रिश्ता ठीक ठाक था। बाद में सुजीत उसे प्रताडि़त करने लगा था। शिव वर्मा के साथ मिल कर सुजीत अवैध शराब का कारोबार करता था। माता के मुताबिक, पूजा ने जोरापोखर पुलिस से सुजीत के खिलाफ शिकायत की थी। पुलिस ने भगा दिया। छह मई को पूजा ने अपने मायके में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। पूजा की छोटी बहन का फिर सुजीत और उनके साथियों ने सरेआम शील भंग करने का प्रयास किया तो माता ने पुलिस में शिकायत की कि बड़ी बेटी को भी इन्हीं लोगों ने आत्महत्या को प्रेरित किया था।
गर्भवती प्रेमिका को भगाने वाले को नहीं किया गिरफ्तार: झरिया की 19 वर्षीय युवती ने 16 अप्रैल को थाना में शिकायत की थी कि विक्की नामक युवक ने तीन साल तक यौन शोषण किया। शादी का वायदा किया। विवाह नहीं किया। यौन शोषण के कारण दो माह की गर्भवती हो गई। विक्की के परिजनों को बताया तो मारपीट कर भगा दिया। गर्भपात कराने के लिए धमकाया जा रहा है। पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। विक्की ने धनबाद न्यायालय में खुद सरेंडर किया।
"महिला के साथ किसी तरह का गलत कार्य करने पर त्वरित कार्रवाई की जाती रही है। ऐसा नहीं है कि पुलिस गंभीरता नहीं दिखाती।"
- प्रमोद कुमार केसरी, डीएसपी, सिंदरी
तीन जान जाने के लिए यह जिम्मेदार: झरिया थानेदार और जोड़ापोखर थाना प्रभारी, इसलिए कि इनके पास पीडि़ता गई थी। इंसाफ की गुहार लगाई थी। एक्शन नहीं लिया तो मजबूर होकर जान दे दी।