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भ्रम में पति की सेहत के लिए महिलाएं उठा रही जनसंख्या नियंत्रण का बोझ Dhanbad News

परिवार नियोजन से भाग रहे धनबाद के पुरुष महिलाओं की सोच है कि पति की सेहत खराब हो जाएगी। पर ऐसा नहीं है। यह महज भ्रांति है।

By mritunjayEdited By: Published: Thu, 11 Jul 2019 09:24 AM (IST)Updated: Thu, 11 Jul 2019 09:24 AM (IST)
भ्रम में पति की सेहत के लिए महिलाएं उठा रही जनसंख्या नियंत्रण का बोझ Dhanbad News
भ्रम में पति की सेहत के लिए महिलाएं उठा रही जनसंख्या नियंत्रण का बोझ Dhanbad News

धनबाद, मोहन गोप। झारखंड के सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाले धनबाद में लाख कोशिशों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग पुरुषों के परिवार नियोजन (नसबंदी) के लक्ष्य से बहुत दूर है। प्रोत्साहन राशि देने और काउंसिलिंग के बाद भी पुरुष इसके लिए स्वास्थ्य केंद्रों तक नहीं पहुंच रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2017-18 व 2018-19 में 1600 पुरुषों की नसबंदी का लक्ष्य था। बावजूद 52 पुरुषों ने ही परिवार नियोजन कराया। कम संख्या के कारण की पड़ताल की गई तो पता चला कि महिलाओं में एक भ्रांति है कि पुरुष  परिवार नियोजन कराते हैं तो वे स्वस्थ नहीं रहेंगे।

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सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ. आलोक विश्वकर्मा ने बताया कि पुरुषों का परिवार नियोजन बेहद सरल है। इसमें सिर्फ शुक्रवाहिका को काट दिया जाता है। इससे कोई कमजोरी नहीं आती। इसमें समय भी कम लगता है। अक्सर देखा गया है कि पत्नी ही नहीं चाहती कि पति का परिवार नियोजन हो। ऐसी महिलाओं की सोच है कि पति की सेहत खराब हो जाएगी। पर, ऐसा नहीं है। यह महज भ्रांति है।

राज्य सरकार से मिलती है दो हजार की प्रोत्साहन राशि : परिवार नियोजन कराने वाले पुरुषों को राज्य सरकार दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देती है। जबकि महिलाओं को 14 सौ रुपये देने का प्रावधान है। महिलाओं का परिवार नियोजन कराने वाले संबंधित प्रेरक को दो सौ और पुरुषों के प्रेरक को तीन सौ रुपये दिए जाते हैं। बावजूद पुरुष वर्ग इससे दूरी बनाए है।

8660 महिलाओं ने कराया परिवार नियोजन : दो वर्षों के लक्ष्य की बात करें, तो 32600 महिलाओं के परिवार नियोजन  (बंध्याकरण) का लक्ष्य था। 8660 महिलाओं ने परिवार नियोजन कराया। प्रसव के तुरंत बाद परिवार नियोजन का दो वर्षों का 3400 लक्ष्य था। इसमें 665 महिलाओं ने ऑपरेशन कराया।

  •  ये भी जानें

- परिवार नियोजन के कारण कमजोर होने का भ्रम न पालें।

- परिवार नियोजन के आधा घंटा बाद पुरुष घर जा सकता है। 48 घंटे बाद वह सामान्य हो जाता है।

  • वित्तीय वर्ष 2017-18

परिवार नियोजन के प्रकार     लक्ष्य     उपलब्धि

- पुरुष परिवार नियोजन            800       16

- महिला परिवार नियोजन         16300    4571

- प्रसव बाद परिवार नियोजन (पीपी) 1700     384

  • वित्तीय वर्ष 2017-18

परिवार नियोजन के प्रकार   लक्ष्य   उपलब्धि         

- पुरुष परिवार नियोजन         800       36

- महिला परिवार नियोजन     16300    4089

प्रसव बाद परिवार नियोजन (पीपी) 1700     281

  • धनबाद  एक नजर में

जनसंख्या : 2684487

पुरुष : 1405956

महिला : 1278531

साक्षरता : 74.52


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