सोलर इलेक्ट्रिक ऑटो लेकर 60 दिन में छह हजार किलोमीटर तय करेंगे आइआइटीयन
धनबाद पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति के प्रति न केवल जागरूक हों बल्कि इसकी रोकथाम के लिए आगे आना होगा।
धनबाद : पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति के प्रति न केवल जागरूक हों, बल्कि इसकी रोकथाम के लिए गंभीर बनें। इसी उद्देश्य के साथ मुंबई के पूर्व आइआइटीयन देश भ्रमण पर निकल पड़े हैं। बेंगलुरु, पुणे, मुंबई, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, बिहार होकर झारखंड के आइआइटी आइएसएम धनबाद पहुंचा। यहां पहुंचने में 37 दिनों का समय लगा है। वहीं, अब तक 3800 किलोमीटर की यात्रा कर चुके है। आइआइटी मुंबई के पूर्व छात्र सुशील रेड्डी ने बताया कि यहां से एनआइटी दुर्गापुर होते हुए बंगाल, उड़ीसा, नार्थ ईस्ट होते हुए वापस बेंगलुरु पहुंचेगी। सुशील ने बताया कि देश भ्रमण में 60 दिनों में छह हजार किलोमीटर की यात्रा का लक्ष्य है। चार सदस्यीय इस टीम में मद्रास के सुधीर, जमशेदपुर की पल्लवी तथ रूतविक शामिल हैं।
सुशील ने कहा कि आज पर्यावरण की स्थिति काफी भयावह होती जा रही है। ऐसे में बेहतर विकल्प के रूप में सौर उर्जा तथा इलेक्ट्रिक से चलने वाले वाहनों का अधिक से अधिक इस्तेमाल में लाने की आवश्यकता है। इस तरह के वाहनों का प्रयोग कर ही पर्यावरण को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने लोगों को संदेश देते हुए आइआइटी आइएसएम के छात्रों से कहा कि पर्यावरण को नियंत्रित करने के प्रति जागरूक हों तथा इलेक्ट्रिक व सोलर से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल करें। साथ ही ऐसे वाहनों पर शोध भी करें, ताकि बेहतर विकल्प लोगों को मिल सके।
यह है सोलर इलेक्ट्रिक ऑटो की विशेषता
टीम के सुशील रेड्डी ने बताया कि यह ई-रिक्शा नहीं है, बल्कि सोलर इलेक्ट्रिक ऑटो है जो परिवहन विभाग के एल-5 कैटेगरी में आता है। इसकी स्पीड 55 किलोमीटर है। उन्होंने बताया कि सोलर और इलेक्ट्रिक से चलने वाला ऑटो है। यदि मौसम खराब है तो यह इलेक्ट्रिक से चलेगा। एक बार चार्ज करने के बाद 120 किलोमीटर तक चलेगा। वहीं मौसम ठीक है तो सेलर पैनल लगा हुआ है जिसके माध्यम से चलेगा। सुशील ने बताया कि ई-रिक्शा एल-3 केटोगरी का होता है, जिसका अधिकतम स्पीड 25 किलोमीटर है। यह बगैर निबंधन के ही चलाया जा सकता है जबकि सोलर इलेक्ट्रिक ऑटो में परिवहन विभाग ने निबंधन अनिवार्य है।