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नियोजन की मांग पर चापापुर ओसीपी में उत्पादन ठप

संस निरसा ईसीएल मुगमा क्षेत्र की चापापुर कोलियरी में जमीन के बदले नियोजन की मांग को लेकर

By Edited By: Published: Mon, 17 Jun 2019 08:00 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jun 2019 11:43 AM (IST)
नियोजन की मांग पर चापापुर ओसीपी में उत्पादन ठप
नियोजन की मांग पर चापापुर ओसीपी में उत्पादन ठप
संस, निरसा : ईसीएल मुगमा क्षेत्र की चापापुर कोलियरी में जमीन के बदले नियोजन की मांग को लेकर विस्थापितों ने सोमवार को बिहार कोलियरी कामगार यूनियन ने चापापुर 10 नंबर ओसीपी का उत्पादन ठप करते हुए कोलियरी परिसर में धरना दिया। विस्थापितों का कहना है कि जब तक नियोजन नहीं मिलता आंदोलन जारी रहेगा। विस्थापितों का नेतृत्व बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के मुगमा क्षेत्रीय अध्यक्ष आगम राम एवं अमित मुखर्जी कर रहे हैं। नियोजन नहीं तो उत्पादन नहीं : आगम राम ने कहा कि 2016 में ईसीएल प्रबंधन ने 42 रैयतों के जमीन का अधिग्रहण किया गया। अधिग्रहण के बाद प्रबंधन ने जमीन की खुदाई कर दी। इसके कारण रैयत उस जमीन पर न तो खेती कर पा रहे हैं और न ही और कुछ और काम। उसमें से मात्र 18 लोगों को 2016 से 18 के बीच नियोजन दिया गया है। अन्य 12 विस्थापितों ने सारे कागजात प्रबंधन को सौंप दिए गए हैं। उसके बावजूद प्रबंधन कागजातों में कोई न कोई कमी निकाल कर नियोजन नहीं दे रहा है। जमीन अधिग्रहण के समय प्रबंधन ने कहा था कि 3 महीने के अंदर सभी को नियोजन दे दिया जाएगा। परंतु 3 वर्ष बीत गए अभी भी विस्थापितों को नियोजन नहीं मिला है। मजबूरन विस्थापितों को यह कदम उठाना पड़ रहा है। 22 विस्थापितों ने कोई कागजात प्रस्तुत नहीं किया है। अधिग्रहित जमीन से करोड़ों का कोयला निकल चुका प्रबंधन : विस्थापित सूरज मंडल, राजा दास, गोवर्धन मंडल, पंकज मंडल, विश्वजीत मंडल, लक्ष्मीकांत मालाकार, सोमनाथ मालाकार, सनातन मरांडी, नीतीश गोराई आदि ने बताया कि हमारी जमीनों का अधिग्रहण करने के बाद प्रबंधन जमीन से करोड़ों रुपये का कोयला निकालकर बेच चुका है। फिर भी हमलोगों को आज तक नियोजन नहीं मिला, जमीन अधिग्रहण के बाद हमलोगों का उम्र भी बढ़ता जा रहा है। 60 साल की आयु के बाद ईसीएल प्रबंधन सेवानिवृत्त कर देगा। यह डर लोगों को सता रहा है। क्या इसका हर्जाना ईसीएल प्रबंधन देगा। एक ही खाता एक ही प्लॉट फिर भी नहीं मिल रहा नियोजन : विस्थापितों ने बताया कि ईसीएल प्रबंधन द्वारा अधिग्रहण किये गए जमीन का एक ही खाता एवं एक ही मौजे है। फिर भी ईसीएल प्रबंधन नया सेटलमेंट का बहाना बनाकर हमलोगों को नियोजन देने से टरका रही है। पूर्व में 18 विस्थापितों को जिन कागजातों के आधार पर नियोजन मिला है। मुख्यालय जा चुके हैं सभी कागजात : कोलियरी के अभिकर्ता जेके विश्वकर्मा का कहना है कि कोलियरी स्तर से सभी विस्थापितों के कागजातों को जांचोपरांत क्षेत्रीय कार्यालय एवं मुख्यालय भेजा जा चुका है। विस्थापितों के नियोजन पर निर्णय वरीय पदाधिकारियों को लेना है।

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