ब्राह्मण मत पूजिए जो होवे गुणहीन, पूजिए चरण चंडाल के जो होवे गुण प्रवीन ...
आदमी अपने कर्म से ही छोटा-बड़ा होता है न कि धन या जाति से। रविवादजी ईश्वर के अनन्य भक्त थे, लेकिन वह अपने कार्य को ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा मानते थे।
पूर्वी टुंडी, जेएनएन। पूर्वी टुंडी के लटानी में सोमवार को संत रविदास की जयंती हर्षोल्लास पूर्वक मनाई गई। इस माैके पर वक्ताओं ने संत रविदास के दोहे-ब्राह्मण मत पूजिए जो होवे गुणहीन, पूजिए चरण चंडाल के जो होवे गुण प्रवीन, से समाज को सीख लेने सलाह दी। कहा, आदमी अपने कर्म से ही छोटा-बड़ा होता है न कि धन या जाति से। रविवादजी ईश्वर के अनन्य भक्त थे, लेकिन वह अपने कार्य को ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा मानते।
उन्होंने कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई।जयंती का आयोजन अंबेडकर क्लब लटानी की तरफ से किया गया था। संत रैदास की तस्वीर पर सैकड़ों पुरुष और महिलाओं ने पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में धनबाद जिला के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें महिलाओं की अच्छी खासी उपस्थिति रही।सर्वप्रथम अतिथियों के लिए क्लब के सदस्य कंचन, नीलू और नंदिनी ने स्वागत गान पेश किया ।अम्बेडकर क्लब के युवाओं द्वारा जोशपूर्ण भीम-गीत, दलितों की स्थिति पर भावपूर्ण नाटक "धरती-आबा"का मंचन तथा बहुजन नायकों की आकर्षक झाँकी निकाली गई ।उपस्थित वक्ताओं ने संत रविदास के बारे में बताया कि उन्होंने भक्ति का आंदोलन नहीं बल्कि मुक्ति का आंदोलन चलाया था ।उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ लड़ने की जागृति फैलाई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अग्निशामक पदाधिकारी शिवकुमार बलियादी थे। जबकि विशिष्ट अतिथि के रुप में सुबल दास, ललन आनंदकर,जिप सदस्य सुनील मुर्मू ,नेहरू हेम्ब्रम, ज्योतिलाल दास, प्रदीप केवट, पुष्पलता , बिंदू देवी , संजय दास, नीलकमल दास, विरेन्द्र राम, श्रीकांत, श्यामजीत प्रसाद, महेश्वर दास, संतोष रजक, थे।आयोजन में अमित दास, रोहित, राजकुमार, सचिन, सागर, अनिल, अजय, राजरंजन, ओमप्रकाश, विक्रम, अमित कुमार, अशोक, सुरेश, संजय, विकास आदि सक्रिय थे।मंच संचालन राजकुमार भारती और रामप्रसाद दास ने किया ।