मंत्री सरयू राय की लंच पॉलिटिक्स से धनबाद सांसद समर्थकों के पेट में दर्द
झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने इन दिनों धनबाद में सक्रियता बढ़ा दी है। यहां वे लंच पॉलिटिक्स कर रहे, लेकिन यह बात सांसद पीएन सिंह के समर्थकों को हजम नहीं हो रही।
धनबाद, मृत्युंजय पाठक। यूं तो दामोदर बचाओ अभियान के तहत झारखंड के खाद्य आपूर्ति मामले के मंत्री सरयू राय करीब डेढ़ दशक से धनबाद और बोकारो की राजनीति में सक्रिय हैं। इन दिनों उनकी सक्रियता कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है। हर महीने दो-तीन दौरे कर रहे हैं। भाजपा के साथ-साथ दूसरे दलों के प्रभावी लोगों के घर जाकर टी और लंच पॉलिटिक्स कर रहे हैं। सीधे कहें तो राय ने धनबाद से लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी से जुड़े प्रमुख नेताओं का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री रघुवर दास का भी सिग्नल मिल चुका है।
जमशेदपुर पश्चिम से दूसरी बार चुने गए विधायक: झारखंड-बिहार की राजनीति में सरयू राय एक बड़ा नाम हैं। अपनी पार्टी भाजपा और सरकार लाइन से हटकर वह सही बात कहने से गुरेज नहीं करते। इसी कारण झारखंड भाजपा की राजनीति में उनकी अलग पहचान है। राय बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। दूसरी बार जमशेदपुर पश्चिम से विधायक हैं। राज्य सरकार में खाद्य आपूर्ति जैसे अहम विभाग को संभालते हैं। राय की इच्छा संसद के अंदर पहुंचने की है। इसलिए उन्होंने धनबाद लोकसभा क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री रघुवर दास भी चाहते हैं कि सरयू राय लोकसभा का चुनाव लड़ें। समय-समय पर राय के तेवर के कारण मुख्यमंत्री को असहज होना पड़ता है। सांसद बन राय दिल्ली चले जाएंगे तो मुख्यमंत्री को तेवर दिखाने वाला कोई सहयोगी नहीं रहेगा। साथ ही राय के धनबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने पर वर्तमान सांसद पीएन सिंह का भी पत्ता साफ हो सकता है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिंह रघुवर दास के विरोधी खेमे में शुमार किए जाते हैं। राय को धनबाद से लोकसभा का चुनाव लड़ाकर रघुवर एक तीर से दो निशाना लगा सकते हैं।
नेतृत्व तय करता है, कौन कहां से चुनाव लड़ेगा: लोकसभा चुनाव लड़वाने के मुख्यमंत्री की इच्छा के सवाल पर राय कहते हैं- मुझे नहीं पता, इस तरह की बातें कहां से आ रही हैं। मेरे विधानसभा क्षेत्र जमशेदपुर पश्चिम में भी विरोधी यह बात फैला रहे हैं कि मैं धनबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा हूं। उन्होंने कहा, कौन कहां से चुनाव लड़ेगा इसका फैसला चुनाव के समय नेतृत्व करता है। मेरी अपनी कोई इच्छा नहीं है।
दूसरों की तपस्या से लोग डर जाते: सरयू धनबाद में मंत्री सरयू राय की सक्रियता को देख पिछले दिनों सांसद पीएन सिंह ने निशाना साधा था। लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा उम्रदराज सांसदों का टिकट काटे जाने की अटकलों पर सिंह ने कहा था कि अभी मेरी उम्र 70 वर्ष भी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि मैं सरयू राय से छोटा हूं। यह कह सिंह ने एक तरह से राय की दावेदारी खारिज करने की कोशिश की। इसका जवाब राय ने दिया है। यहां सिंफर में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे राय ने जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि कम उम्र वाले भी तो बीमार होते हैं और मृत्यु को प्राप्त करते हैं। जबकि बड़े उम्र वाले स्वस्थ्य और जीवित होते हैं। उन्होंने कहा-मैं तपस्या कर रहा हूं। दामोदर को साफ और जीवित करने का काम कर रहा हूं। जैसे ऋषि मुनियों की तपस्या को देख इंद्र को लगता था कि उनका सिंहासन खतरे में है उसी तरह मुझसे कुछ लोग डर रहे हैं।
पीएन ने खुद बताया है, सरयू से दो साल अधिक है उम्र: सांसद पीएन सिंह से उम्र में मंत्री सरयू राय दो वर्ष छोटे सांसद पीएन सिंह द्वारा मंत्री सरयू राय को उम्र में अपने से बड़ा बताये जाने के बाद यह विषय कार्यकर्ताओं के बीच उत्सुकता का बन गया है। सब जानना चाहते हैं कि दोनों में उम्र में कौन बड़ा और कौन छोटा है? इसका जवाब भाजपा नेता कृष्णा अग्रवाल ने ढूंढ निकाला है। उन्होंने इंडिया.गव.इन पोर्टल पर दर्ज ब्योरे के आधार पर कहा है कि सांसद पीएन सिंह की जन्म तिथि 11 जुलाई 1949 है। जबकि सरयू राय की जन्म तिथि 16 जुलाई 1951 है। इस तरह उम्र में पीएन सिंह मंत्री सरयू राय से दो वर्ष बड़े हैं।
फिर बोले, सरयू मेरे बड़े भाई: पीएन मंत्री सरयू राय की धनबाद में सक्रियता को लेकर सांसद पीएन सिंह का कहना है कि वह सचेत हैं, लेकिन भयभीत नहीं। कहा कि सरयू राय की धनबाद में सक्रियता का मतलब यह नहीं कि वह यहां से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। वहीं जहां तक उम्र का सवाल है तो मैं उनको शुरू से बड़ा भाई मानता हूं। वह मेरे बड़े भाई के समान हैं।